अमेरिका का सपना टूटा, 22 लाख गंवाए..मैक्सिको में हो गई जेल
कार एजेंसी के सेल्समैन को अमेरिका में दो लाख रुपये प्रतिमाह की नौकरी दिलाने का झांसा देकर कुरुक्षेत्र के तलहेड़ी गांव के दो भाइयों ने दो एजेटों के साथ मिलकर 22 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित व्यक्ति की खेत की एक एकड़ जमीन भी बिक गई। उनसे रिश्तेदारों और बैंक से लोन लेकर आरोपितों को दिया। बरसत रोड स्तित प्रीत विहार कॉलोनी के गुरमीत सिंह ने बताया कि वह टोल प्लाजा के पास सेक्ट-
जागरण संवाददाता, पानीपत : अमेरिका में दो लाख रुपये प्रतिमाह की नौकरी का सपना दिखाकर दो भाइयों ने एजेंटों के साथ मिलकर युवक से 22 लाख रुपये ठग लिए। उसका एक एकड़ खेत तक बिकवा दिया। बैंक का ऋण अलग से चढ़ गया। प्लेन में बैठा तो लगा कि अब सब ठीक हो जाएगा। पर वो अमेरिका पहुंच ही नहीं सका। मैक्सिको में ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सब कुछ गंवा कर लौटे युवक ने अब ठगों पर केस दर्ज कराया है।
बरसत रोड स्थित प्रीत विहार कॉलोनी के गुरमीत सिंह ने बताया कि वह टोल प्लाजा के पास सेक्टर-8 स्थित खुश फोर्ड कार एजेंसी में सेल्समैन था। उसकी कुरुक्षेत्र के तलहेड़ी गांव में ससुराल है। इसी गांव के बलहार सिंह व उसके भाई साहब सिंह, ससुर के दोस्त व रिश्ते में उसके फूफा हैं। दोनों से उसकी वर्ष 2011 से पहचान थी। वर्ष 2018 में बलहार सिंह एजेंसी में कार खरीदने आए थे। इसके साथ साहब सिंह, करनाल के सोकड़ा गांव के बलहार (रिश्ते में साला) व सुखदीप सिंह भी थे। साहब सिंह ने कहा कि बलहार व सुखदेव एजेंट हैं। वे दोनों भाई इनके जरिये सैकड़ों लोगों को कनाडा और अमेरिका सहित 12 देशों में भेजकर नौकरी लगवाते हैं। अमेरिका में उसका साले का मॉल है। वहां पर उसे दो लाख रुपये की प्रतिमाह की नौकरी दिला देगा। इसकी एवज में 22 लाख रुपये लगेंगे। उसने भाई के साझे की कुरुक्षेत्र के बोडशाम में एक एकड़ से ज्यादा जमीन बेच दी। उसके हिस्से में 11 लाख रुपये आए। उसने बैंक से लोन व रिश्तेदारों से रुपये लिए। 28 मई 2018 को उसने एजेंसी में दोस्त वीरेंद्र शर्मा के सामने 22 लाख रुपये उक्त आरोपितों के दे दिए। 3 जून को आरोपित ने एयरपोर्ट पर उसे टिकट व अन्य दस्तावेज दिए। कहा कि असल दस्तावेज मैक्सिको में मिलेंगे। उसे एजिसवावा, साईपोलो, लीमा, पेरु, गवाईकल्वा और एक्वाजोट से होते हुए मैक्सिको एयरपोर्ट पर ले जाया गया। वहां पर उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। आरोपितों ने उसका फ्रांसिसी नागरिक का फर्जी पासपोर्ट बना रखा था।
55 दिन तक मजदूरी कराई, गाय का मीट खाने को दिया
गुरमीत सिंह ने बताया कि उसने गिरफ्तार होने के बाद दस दिन तक आरोपितों से कॉल की। वे बार-बार कहते रहे कि उसे जेल से छुड़वा देंगे। बाहर निकलने पर मैक्सिको की दीवार कुदवाकर अमेरिका भेज देंगे। उसे जेल से नहीं छुड़ाया गया। पुलिस ने उसे मजदूर समझकर प्रताड़ित किया और काम भी कराया। दिन में खाने को एक रोटी, ब्रेड और गाय का मीट देते थे। उसने मीट नहीं खाया। उसे शुगर भी हो गई। 28 जुलाई 2018 को उसे भारत वापस भेज दिया गया।
पहले दिया था कनाडा भेजना का झांसा
गुरमीत सिंह ने बताया कि चारों आरोपितों ने उसे पहले परिवार सहित 32 लाख रुपये में कनाडा भेजने का झांसा दिया। कनाडा का वीजा रद हुआ तो अमेरिका भेजने की हामी भरी। उसने जमीन बेचकर व रिश्तेदारों से उधार लेकर 17 लाख रुपये जोड़े। 15 लाख रुपये का बैंक से लोन लिया। पहले वह 22 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी करता था। अब 12 हजार रुपये की नौकरी रहा है। ऊपर से कर्जदार भी हो गया है।
पंचायत में माफी मांगकर रुपये लौटाने का वादे से मुकरे
गुरमीत सिंह बताते हैं कि 3 फरवरी, 2020 को गांव में पंचायत हुई। छुबेक सिंह, करतार सिंह, जसपाल सिंह, ज्ञानपाल सिंह की मौजदूगी में चारों आरोपितों ने माफी मांगी और एक सप्ताह में ब्याज सहित रुपये लौटाने का वादा किया। बाद में आरोपित मुकर गए। उसे व स्वजनों को जान से मारने की धमकी दी। 29 फरवरी को उसने जिला कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन को शिकायत दी। 55 बार वह सेक्टर 13-17 थाने गया, लेकिन सुनवाई नहीं की गई। पुलिसकर्मी बोले कि कोर्ट में केस कर दे। इसके बाद उसने करनाल रेंज की आइजी भारती अरोड़ा से गुहार लगाई और अब पुलिस ने मामला दर्ज किया। अभी भी आरोपित साहब सिंह धमकी देता है कि पुलिस से उनकी पहचान है। उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा।