केवाईसी अपडेट के बहाने ठगने वाले चार काबू, 17 वारदात कुबूलीं
केवाईसी अपडेट करने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को सीआइए टू पुलिस टीम ने बिहार और झारखंड से काबू किया।
जागरण संवाददाता, पानीपत: केवाईसी अपडेट करने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को सीआइए टू पुलिस टीम ने बिहार और झारखंड से काबू किया। आरोपितों ने देशभर में 17 लोगों से ऑनलाइन ठगी की वारदात का खुलासा किया। गिरोह के सरगना की तलाश में सीआइए टू पुलिस स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर रही है। रिमांड अवधि खत्म होने पर तीन आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया। जबकि उनके चौथे साथी को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
डिटेक्टिव और सीआइए टू पुलिस इंचार्ज दीपक ने बताया कि 5 नवंबर 2019 को सिवाह गांव के बृजशंकर ने सेक्टर 29 थाना में धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज कराया था। बृजशंकर के मोबाइल पर 23 अक्टूबर को आए मैसेज के लिक पर क्लिक करते ही ठगों ने उसके खाते से 70 हजार रुपये पेटीएम के जरिये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। जांच के आधार पर टीम ने सहारसा (बिहार) के पहलगांव निवासी राशीद को बख्तियारपुर से काबू किया। आरोपित ने साथियों संग मिलकर ऑनलाइन ठगी करने की वारदात कबूली। उसकी निशानदेही पर टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से 15 दिसंबर को गिरोह के दो सदस्यों नरूल और नदीम को देवघर (झारखंड) के दुधानी गांव से काबू किया था। 10 दिन बाद किया चौथा साथी काबू
आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस टीम ने 10 दिन बाद 25 दिसंबर को रियाजूद्दीन को देवघर (झारखंड) के पारोजोरी गांव में धर दबोचा। पुलिस ने आरोपित को अदालत में पेश कर छह दिन का पुलिस रिमांड लिया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उनके गिरोह का सरगना इरफान है। जो झारखंड के ही आमिर, गुडडू व ताजमल संग मिलकर ऑनलाइन ठगी की वारदातों को अंजाम देता है। आरोपित रियाजूद्दीन को रिमांड अवधि खत्म होने पर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम
आरोपित इंटरनेट पर लोगों के बैंक खातों की डिटेल निकालकर उनके मोबाइल नंबर पर लिक मैसेज भेजते। केवाइसी अपडेट करने की बात कहकर खाताधारक से ओटीपी पूछकर उसके खाते के सारे रुपये अपने सभी साथियों के पेटीएम अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते थे। उन्होंने इसी तरह बृजशंकर से ठगी की थी। हालांकि पुलिस बृजशंकर से ठगे गए 70 हजार रुपये में से आरोपितों के कब्जे से 7500 रुपये ही बरामद कर पाई।