लोन न चुका पाने पर पूर्व पार्षद का मकान सील, अंदर बंद थे दो बच्चे
कर्ज न चुकाने पर पूर्व पार्षद का मकान सील कर दिया गया। बैंक कर्मी मकान सील करके चले गए तभी अंदर से बेटियों के चिल्लाने की आवाज आई। देखा गया तो दो बच्चे बंद थे।
पानीपत, जेएनएन। द पानीपत अर्बन कोऑपरेटिव बैंक ने गुरुवार को वार्ड 23 की पूर्व पार्षद का मकान लोन नहीं चुकाने पर सील कर दिया। सीलिंग के समय पूर्व पार्षद शीला घर पर नहीं थीं। आरोप है कि मकान सील करते समय बैंक कर्मचारियों ने यह भी नहीं देखा कि अंदर कोई है या नहीं। इस कारण पूर्व पार्षद की दो बेटियां कैद हो गई। पड़ोसी संदीप और सुभाष ने बताया कि बैंक के कर्मचारी पुलिस के साथ आए। मकान पर बाहर से ताला लगा था। उन्होंने मकान को सील कर दिया। लड़कियां ऊपर ही सो रही थी। मकान के प्रथम मंजिल से कविता और सरिता ने बताया कि उन्हें पता नहीं लगा कि किस समय मकान के बाहर सील लगाकर बैंक वाले चले गए है।
बैंक चेयरमैन ओपी शर्मा ने बताया कि लोन न देने के कारण पहले नोटिस दिए गए थे। कर्ज वापस नहीं किया गया। इस पर कानूनी कार्रवाई की गई है। मकान की वीडियोग्राफी की गई है। उस समय अंदर कोई नहीं था। पुलिस के साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट मौके पर गए थे। लोन न देने के कारण ड्रामेबाजी की गई। बाद में लड़कियां अंदर गईं होंगी।
डीसी से मिलने के बाद खुला मकान
देर शाम पूर्व पार्षद वार्ड के लोगों के साथ डीसी हेमा शर्मा से मिली। उन्हें अंदर बच्चे कैद होने की बात कही। डीसी के निर्देश पर बैंक ने मकान की सील खुलवाई । शीला ने 70500 रुपये की अदायगी की। बैंक ने 15 दिन का समय बाकी रकम चुकाने के लिए दिया है।
यह है पूरा मामला
पूर्व पार्षद शीला ने बताया कि उनके दिवंगत पति राजबीर ने 2015 में बैंक से पांच लाख रुपये लोन लिया था। तीन लाख रुपये वह लौटा चुके हैं। बैंक ने ब्याज लगाकर 4.30 लाख रुपये हमारी तरफ निकाल दिए। 24 जनवरी का समय दिया था। मैं पैसे का प्रबंध करने के लिए गई। मकान पर बाहर से ताला लगा था, बच्चे अंदर सो रहे थे। बैंक ने सील लगा दी। शाम को डीसी से मिले। उनके कहने पर मकान ताला खोला गया। ड्यूटी मैजिस्ट्रेट कृष्ण ने कुछ पैसे भरने के लिए कहा। इस पर 70500 रुपये भर दिए हैं। बाकि पैसे के लिए 15 दिनों का समय दिया गया। हमें ब्याज में राहत मिलनी चाहिए।