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पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार को घेरा कहा, घोटालों की जांच हो

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा। हुड्डा ने कोरोना के चलते विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम स्थगित किया। वहीं सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआइ से जांच कराने में हिचक रही।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 04:42 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 04:42 PM (IST)
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार को घेरा कहा, घोटालों की जांच हो
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कोरोना के चलते विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। वे कोरोना की पाबंदियों खुलने के बाद गाइडलाइन के अनुसार पहले रविवार को फिर से कार्यक्रम शुरू करेंगे। यह कार्यक्रम 23 जनवरी को कुरुक्षेत्र में होना था। इसके बाद कुरुक्षेत्र में ही पहला कार्यक्रम किया जाएगा। उन्होंने शुक्रवार को सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं से मिलकर खुद इसकी जानकारी दी और मीडिया से रूबरू होकर प्रदेश की गठबंधन सरकार पर हमला बोला।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गठबंधन नहीं घोटालों की सरकार है। सरकार के मंत्री और विधायकों का हाजमा बहुत तेज है। यमुना के रेत से लेकर डाडम और नांगल चौधरी के पहाड़ों तक को हजम कर गए हैं। उन्होंने डाडम हादसे को मौके पर जाकर देखा है। सरकार ने इतने बड़े हादसे के बाद हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज नहीं किया। प्रदेश के खजाने में पहुंचने वाल कमाई घोटालों की वजह से माफिया की तिजोरियों में जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में शराब, रजिस्ट्री, धान और भर्ती समेत दर्जनों घोटाले हुए। उन्होंने इनकी हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में सीबीआइ से जांच कराने की मांग की थी, लेकिन सरकार इस पर संकोच कर रही है। कमेटी बनाकर जांच को लटका दिया। भर्ती घोटाला भी एक अधिकारी तक सीमित रख दिया। इसमें बड़े मगरमच्छों को बचा लिया गया।

हरियाणा सरकार किसानों को मुआवजा दे

पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पिछले कई सीजन से किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। सरकार ने नुकसान की भरपाई तक नहीं की। प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत नौकरी देना भी प्रदेश के युवाओं की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। इसमें केवल 30 हजार तक वेतन की नौकरी रखी गई है।


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