पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा, मेरा पानी-मेरी विरासत का फैसला वापस ले सरकार
कुरुक्षेत्र में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा किसानों पर कानून लगाना ठीक नही है। सरकार मेरा पानी मेरी विरासत का फैसला वापस ले। साथ ही अनिल विज को चुप रहने की सलाह दी।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के नाम पर धान रोपाई पर रोक लगाना सरकार का फैसला सही नहीं है। इससे किसानों में रोष व्याप्त है। सरकार ने अब दबाव में आकर सामान्य जमीन पर धान रोपाई का अपना फैसला वापस लिया है, लेकिन पंचायती जमीन पर धान रोपाई पर रोक आज भी है। सरकार ने इस मामले में हाथी निकाल दिया, लेकिन पूंछ अभी भी पकड़कर रखी हुई है। सरकार को इस पूंछ को भी छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने ये बात सोमवार को कुरुक्षेत्र में जीटी रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से सीधी बातचीत में कही। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना की लड़ाई में सभी दलों से समर्थन मांगा था। उन्होंने जनहित के फैसलों में सरकार का पूरा समर्थन दिया। सरकार अब इवेंट मैनेजमेंट में लगी हुई है। किसान समेत हर वर्ग पहले से ही लॉकडाउन के चलते टूटा हुआ है। मौसम विशेषज्ञ इस बार बारिश अधिक होने का अनुमान जता रहे हैं। सरकार इसके दूसरे विकल्प तलाशें। दादूपुर नलवी नहर को फिर से चालू कराने का काम करें। इस पर 450 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है। उनके कार्यकाल में सरस्वती नदी को पिहोवा तक ले जाया गया। भाजपा सरकार ने अपने छह साल के कार्यकाल में एक भी कदम नहीं उठाया। इस गेहूं खरीद का कार्य लंबा चलले के बाद भी पेमेंट नहीं की गई। आढ़ती व किसान परेशान चल रहे हैं। 74 लाख में से 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं आज भी मंडियों में पड़ा है। यह एक बड़ा घोटाला है। सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। इस मौके पर पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना, पूर्व मंत्री हरमोहिंदर सिंह मौजूद थे।
कर्मचारियों को नौकरी से निकालना ठीक नहीं
हुड्डा ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है। इससे हर वर्ग प्रभावित हुआ है। इस वक्त कर्मचारियों को नौकरी से निकालना ठीक नहीं है। आज चयनित उम्मीदवारों को इंटरव्यू से पहले ही हटाया जा रहा है। पीटीआइ के मामले में भी सरकार ने पैरवी ठीक से नहीं की। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि जिले में छह साल में कोई बड़ा काम नहीं किया।
शराब घोटाले में विज नहीं सुनवाई
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान कई घोटाले हुए हैं। शराब का घोटाला सबसे बड़ा सामने आया है। यह ङ्क्षचता का विषय है। सरकार को हाई कोर्ट के जज की देखरेख में इसकी जांच करानी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इसमें एसआइटी से जांच कराने की कह रहे थे, लेकिन सरकार ने एसईटी गठित कर दी। यही नहीं अफसर भी तय नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि अनिल विज की कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो उनको चुप ही रहना चाहिए।