पुलिस की सलाह मानें, किसी किरायेदार और किसी को काम पर रखें तो उसका विवरण पुलिस को जरूर दें
यदि किसी को काम पर रखें या किराये पर आवास दें तो उसकी सूचना और विवरण स्थानीय पुलिस को अवश्य दें। बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या कई गंभीर आपराधिक घटनाओं में संलिप्त पाए जा चुके हैं। ये बड़ी संख्या में हरियाणा में भी हैं। इनकी पहचान करना बहुत जरूरी है।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। कैथल के गांव मोहना में मां-बेटी की हत्या के अभियुक्त इस्माइल अली के पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है, जिससे यह सिद्ध हो सके कि वह भारतीय है। लगभग दस वर्ष पहले वह हरियाणा में आया था। आठ वर्ष से मोहना गांव में ही रह रहा था। वह स्वयं को त्रिपुरा के अगरतला के गांव उत्तरफुलवाड़ी का रहने वाला बताता था। इसी से संदेह है कि वह रोहिंग्या हो सकता है अथवा बांग्लादेशी घुसपैठिया। मोहना में उसने कई लोगों के यहां काम किया, लेकिन किसी ने न तो उसके बारे में पर्याप्त जानकारी हासिल करने का प्रयास किया और न ही किसी ने उसके बारे में पुलिस को सूचना दी। यदि वह दो हत्याओं के बाद भाग निकलने में सफल हो जाता तो पुलिस को तलाश पाना असंभव था। किसी को उसका पता भी न चलता और वह किसी अन्य प्रदेश में जाकर फिर काम करने लगता।
प्रदेश में ही कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, यदि वह वहां पहुंच जाता तो स्वयं को छुपाना उसके लिए आसान होता। इस घटना से सबको सचेत हो जाना चाहिए। पुलिस सबसे यह आग्रह करती है कि यदि किसी को किराये पर आवास दें अथवा दुकान पर सहायक के रूप में, घरेलू सहायक के रूप में काम पर रखें तो उसकी सूचना अवश्य दें। लेकिन एक प्रतिशत लोग भी ऐसा नहीं करते। वास्तव में ऐसे लोग अपने सामाजिक दायित्व के प्रति तो सजग नहीं ही होते, राट्रीय दायित्वों के प्रति भी सचेत नहीं रहते।
उन्हें विचार करना चाहिए कि जिसे वे काम पर रख रहे हैं, वह विदेशी भी हो सकता है। देश का दुश्मन भी हो सकता है। बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या कई गंभीर आपराधिक घटनाओं में संलिप्त पाए जा चुके हैं। ये बड़ी संख्या में हरियाणा में भी हैं। इनकी पहचान करना बहुत जरूरी है। इनको बाहर निकालना होगा। इनके खिलाफ देश के कानून के अनुसार कार्रवाई करनी होगी। लेकिन यह तभी संभव है, जब आप किसी को किरायेदार बनाएं, काम पर रखें तो अपने बारे में जो वह बताए, उसी पर विश्वास न करें। उसकी सूचना पुलिस को दें।