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ऐसे तो मानसून में डूब जाएगी ट्विन सिटी, 24 से ज्‍यादा कॉलोनियों के डूबने का खतरा

मानसून में ट्विन सिटी में खतरा मंडरा रहा है। शहर के बीच से गुजरने वाले नाले में अवैध कब्‍जे होने की वजह से बहाव में बाधा बनी है। ऐसे में करीब 24 कालोनियों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Jul 2021 03:37 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 03:37 PM (IST)
ऐसे तो मानसून में डूब जाएगी ट्विन सिटी, 24 से ज्‍यादा कॉलोनियों के डूबने का खतरा
मानसून में ट्विन सिटी यमुनानगर में खतरा।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। ट्विन सिटी। यानी हरियाणा का यमुनानगर। यमुना नदी से सटा होने की वजह से गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहता है। अब शहर में भी कॉलोनियों के डूबने का डर सता रहा है। इसकी वजह नदी नहीं, बल्कि अधिकारियेां की लापरवाही हो सकती है।

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नालों पर अवैध निर्माण बहाव में बाधा बन रहा है। गत दिनों हाउस की बैठक में मामला उठने के बाद किए गए सर्वे में 18 जगह अवैध निर्माण मिला है। इसको हटवाए जाने की कार्रवाई के नाम पर अभी अधिकारी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। उधर, मानसून सीजन शुरू होने वाला है। ट्विन सिटी में पानी की निकासी की समस्या बड़ी है। इस समस्या के समाधान के लिए मेयर ने नालों से अवैध निर्माण हटवाने के आदेश दिए थे। अभी तक ये आदेश हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।बता दें कि यमुनानगर-जगाधरी शहर के बीचोबीच नाले गुजर रहे हैं। बारिश होने पर पाश एरिया सहित करीब दो दर्जन कालोनियां जलमग्न हो जाती हैं।

हाउस की बैठक में उठा था मुद्दा

23 जून को हुई हाउस की बैठक में नालों पर अवैध निर्माण का मुद्दा उठा था। पार्षदों ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। मेयर मदन चौहान ने सेनेटरी ब्रांच से नालों की रिपोर्ट मांगी। लेकिन इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थे। बाद में सेनेटरी ब्रांच व बिल्डिंग ब्रांच को इस दिशा में कार्रवाई के लिए कहा गया। डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर विनोद नेहरा को नालों से अवैध कब्जे हटवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया था। अभी तक अधिकारी कार्रवाई की योजना तक नहीं बना पाए हैं।

यह आती है दिक्कत

नालों पर अवैध निर्माण होने के कारण नियमित रूप से सफाई नहीं हो पाती और निकासी रुक जाती है। लिहाजा थोड़ी सी बरसात से ही शहर की सड़कें जलमग्न हो जाती हैं। नालों पर अवैध कब्जा होने से बरसात के समय ओवरफ्लो हो जाते हैं और सारी गंदगी सड़क पर आकर जमा हो जाती है या फिर बहकर लोगों के घरों में जाती है। हालांकि कब्जे हटवाने के लिए प्लानिंग पहले भी बनी, लेकिन समय की करवट के साथ कार्रवाई नहीं होती। अधिकारियों की सुस्ती के चलते मामला दब जाता है। जगाधरी बर्तन बाजार, मटका चौक, भागीरथ कालोनी, मुखर्जी पार्क, प्रोफेसर कालोनी, प्रोफेसर कालोनी एक्सटेंशन-2, लाजपत नगर, शिव नगर, तिलक नगर, जसवंत कालोनी, पटेलनगर सहित अन्य कई कालोनियां बारिश के दिनों में जलमग्न हो जाती हैं।

छोटे-बड़े 32 नाले

यमुनानगर व जगाधरी शहर में नगर निगम के छोटे-बड़े 32 नाले हैं। मुख्य नाला जगाधरी से निकलकर यमुनानगर की दर्जनभर कालोनियों से होता हुआ पश्चिमी यमुना नहर के किनारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में गिर रहा है। लेकिन इस नाले पर कई जगह स्थाई कब्जे किए हुए हैं। कई जगह तो नाले के ऊपर फैक्टरी ही बना ली। जिस कारण नालों की सफाई करने में बाधा उत्पन्न होती है।

नालों पर अवैध निर्माण की लिस्ट तैयार कर ली गई है। जल्दी ही कार्रवाई की जाएगी। नालों की सफाई का काम जोरों पर है।

अशोक नेहरा, डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर।


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