Karnal में Coronavirus संक्रमण की पुष्टि का पहला मामला, घरौंडा क्षेत्र का गांव रसीन सील
करनाल में 60 वर्षीय एक बुजुर्ग में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। उनके परिवार के सदस्यों को आइसोलेट किया जा रहा है।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। करनाल में कोरेाना वायरस का पहला मामला सामने आया है। 60 वर्षीय बुजुर्ग को कोरेाना संक्रमण की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट आने के बाद परिवार के सदस्यों को आइसोलेट किया जा रहा है। वहीं गांव को सील कर दिया गया है। मरीज पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती है।
करनाल जिले के घरौंडा क्षेत्र में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आया है। गांव रसीन का 60 वर्षीय ग्रामीण कोरोना संक्रमित पाया गया। बीते चार दिन से वह कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। अब मरीज पीजीआइ चंडीगढ़ में है।
परिवार के कुछ सदस्य आइसोलेशन वार्ड में भर्ती
चंडीगढ़ में ही परिवार के कुछ सदस्यों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। जबकि गांव में रह रहे परिवार के अन्य सदस्यों को क्वारंटाइन कर दिया गया है।
सूचना पर पुलिस ने गांव किया सील
कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने पर घरौंडा के रसीन गांव में स्वास्थ्य और पुलिस की टीम पहुंची। उन्होंने परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन करने के साथ गांव को भी सील कर दिया है। न कोई गांव से बाहर जा सकता है और अब न कोई आ सकता है। ग्रामीणों को भी अंदर ही रहने की हिदायत दी गई है। वहीं प्रशासन ने सभी ग्रामीणों के जांच के आदेश दिए हैं।
वहीं, दिल्ली से लौटे पांच और लोगों को उठाया
कोरोना वायरस को लेकर जिले की स्थिति अभी तक पूरी तरह नियंत्रण मे है। लेकिन दिल्ली में तब्लीगी जमात से कई लोगों की आमद ने जिला प्रशासन की चिंता को बढ़ा दिया है। प्रशासन की मानें तो जिले से नौ लोग दिल्ली स्थित निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात में शामिल होने के लिए गए थे। आठ लोगों की दिल्ली में ही हैं, जबकि एक की आने की सूचना प्रशासन के पास थी, जिसके बाद से उसे व उसके परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन आइसोलेशन में भेज दिया है।
अलग-अलग जगह छापामारी
स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अलग-अलग जगह पर छापामारी करते हुए पांच लोगों को उठाया है। कुंजपुरा से दो, गुनियाना से दो व कर्ण विहार से एक व्यक्ति को सैनिक स्कूल कुंजपुरा में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में दाखिल करा दिया गया है। एक ही परिवार के 10 सदस्य पहले से यहां पर है, अब ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। राहत की बात यह है कि यह दिल्ली से लौटे थे, लेकिन तब्लीगी जमात में शामिल नहीं हुए थे। कोरोना जैसे लक्षण अभी नहीं मिले हैं, फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने इनको अपनी निगरानी में रखा हुआ है। किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
फर्जी कॉल ने बढ़ाई चिंता
नोडल आफिसर डॉ. अमन कुमार ने बताया कि इस समय फोन पर फर्जी सूचनाएं आ रही हैं। निजामुद्दीन मामले में लगातार अलग-अलग जगह से फोन आ रहे हैं कि उनके यहां पर व्यक्ति आया था, लोगों में भय का माहौल है। इस तरह की सूचनाओं पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर जाकर चेक किया। लेकिन सूचनाएं फर्जी मिली हैं। ऐसे में वह लोगों से अपील करते हैं कि गलत जानकारी विभाग को ना दें, इस समय एक-एक मिनट कीमत होती हैं। गलत सूचनाओं से समय बर्बाद हो रहा है। लोगों को संकट की इस घड़ी में साथ देना चाहिए ना कि मिस गाइड करें।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
हर सूचना पर हमारी टीमें निगरानी रख रही है। जिले में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण मे है। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अपने स्तर भी समीक्षा की गई है। जिन संसाधनों की जरूरत थी उनको पूरा कर लिया गया है। आइसोलेशन वार्ड के अलावा वेंटीलेटर की व्यवस्था की गई है। हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
इस समय क्या है करनाल जिले की स्थिति
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में अलग-अलग जहां से अब तक 53 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। सभी की रिपोर्ट आ चुकी है। लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। दिल्ली निजामुद्दीन जमात से जुड़े मामले में लोगों को क्वारंटाइन आइसोलेशन में रखा है।
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