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धान के अवशेषों में लगाई आग, 20 एकड़ गन्ने की फसल जली, दो किसानों पर केस दर्ज

फसल अवशेष जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कैथल में धान की फसल के अवशेष में आग लगा दी गई। इस आग की वजह से 20 एकड़ गन्‍ने की फसल भी जल गई। दो किसानों पर केस दर्ज कर लिया गया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 05:35 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 05:35 PM (IST)
धान के अवशेषों में लगाई आग, 20 एकड़ गन्ने की फसल जली, दो किसानों पर केस दर्ज
कैथल में फसल अवशेष जलाने की वजह से गन्‍ने की फसल में आग लगी।

कैथल, जागरण संवाददाता। धान के अवशेषों में लगाई गई आग के कारण 20 एकड़ गन्ने की फसल जल गई। इस मामले में ढांड निवासी सुरेश कुमार ने ढांड थाने में शिकायत दी है। शिकायत में बताया कि उसने गांव के ही लखी राम के जडौला रोड पर 16 किले ठेके पर लिए हुए हैं। उसके साथ ही सत्ते राम ने चार किले ठेके पर लिए हुए हैं। उनके खेत के पड़ोसी अनिल कुमार और सुनील कुमार है। 21 अक्टूबर को वे दोनों आए और धान के अवशेषों में आग लगाने लगे। उसने अनिल और सुनील को आग लगाने से मना किया और कहा कि अभी तेज हवा चल रही है।

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आग के कारण उसके खेत में खड़ी गन्ने की फसल खराब हो जाएगी। उन्होंने उसकी बात नहीं मानी और उसके साथ मारपीट करने लगे। आरोपितों ने कहा कि वे तो अपनी खेत में आग लगाएंगे। इतना कह कर दोनों ने धान के अवशेषों में आग लगा दी। हवा के कारण उसके 16 एकड़ और सत्ते राम की चार एकड़ में खड़ी गन्ने की फसल आग की चपेट में आ गई। फसल में आग लगने के कारण उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हो गया है। जांच अधिकारी शिवचरण ने बताया कि पुलिस ने अनिल और सुनील के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

अब तक 90 किसानों को हो चुका जुर्माना

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. कर्मचंद के मुताबिक इस सीजन में अभी तक हिसार स्थित हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (हरसेक) की रिपोर्ट व प्रशासनिक जांच के बाद फसल अवशेषों में आग लगाने वाले 90 किसानों से दो लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। हालांकि पिछले वर्ष की आग की घटनाओं से 30 प्रतिशत कम मामले सामने आए हैं। हरसेक की 287 सूचनाओं में से 99 जगहों पर आगजनी की घटनाएं नहीं मिली। यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली में आग लगाता है तो दो एकड़ तक एरिया में 2500 रुपये पर्यावरण क्षति-पूर्ति चार्ज वसूला जाता है। दो से पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये और इससे अधिक पर 15 हजार रुपये प्रति घटना की दर से जुर्माना लगाया जाता है।


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