प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों पर कराएंगे एफआइआर : डॉ. आलोक जैन
सिविल अस्पताल परिसर में खड़ी रहने वाली प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों की अब खैर नहीं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल परिसर में खड़ी रहने वाली प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों की अब खैर नहीं। सिविल सर्जन डॉ. डीएन बागड़ी के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन ने संचालकों के खिलाफ एफआइआर कराने की तैयारी कर ली है। शुक्रवार को ज्वाइन करने वाले डिप्टी मेडिकल ऑफिसर डॉ. अमित को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
सरकारी एंबुलेंस (102 और 108 सेवा) की संख्या सिर्फ 10 है। इसका फायदा निजी एंबुलेंस संचालक उठा रहे हैं। अस्पताल में जन सेवा दल सहित तीन अन्य की 12-14 एंबुलेंस खड़ी रहती हैं। इमरजेंसी और ओपीडी से मरीजों को खानपुर रेफर किया जाता है। सरकारी एंबुलेंस मरीजों को मिलती नहीं, निजी एंबुलेंस का चालक तीमारदारों से 1200-1500 रुपये वसूलते हुए मरीज को खानपुर पहुंचाते हैं। कई बार निजी एंबुलेंस द्वारा मरीज को प्राइवेट अस्पताल में छोड़ने की शिकायत भी स्वास्थ्य विभाग को मिली हैं। डीसी सुमेधा कटारिया ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया था।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आलोक जैन ने बताया कि प्राइवेट एंबुलेंस को अस्पताल परिसर से बाहर खदेड़ने की तैयारी हो गई है। सभी को चेतावनी दी जाएगी। नहीं मानने पर संचालकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराएंगे।
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सेवा के बदले खा रहा मेवा
प्राइवेट एंबुलेंस का संचालन करने वाले अनिल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जनसेवा दल के प्रति नरम है, अन्य पर सख्ती कर रहा है। जन सेवा दल की कई एंबुलेंस हैं। विभिन्न संस्थाओं ने मरीजों को फ्री लाने-लेकर जाने के लिए एंबुलेंस दान में दी हुई हैं। इसके बावजूद दल के सदस्य मरीज से उतनी ही रकम वसूलते हैं जितनी हम।