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कोविड-19 सर्वे में ड्यूटी नहीं करने पर 10 के खिलाफ एफआइआर

कोविड-19 सर्वे (फैमिली डाटा ऑनलाइन एकत्र करने) में ड्यूटी लगने के बावजूद गैरमौजूद रहने वाले 10 लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सिटी थाना में एफआइआर कराई है। इनमें लेक्चरर क्लर्क लाइनमैन जेबीटी आदि शामिल हैं। मामाला आपदा प्रबंधन एक्ट-2005 की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है। ड्यूटी नहीं करने के संबंध में इन्हें पुलिस के समक्ष पक्ष रखना होगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 07:20 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 07:20 AM (IST)
कोविड-19 सर्वे में ड्यूटी नहीं करने पर 10 के खिलाफ एफआइआर
कोविड-19 सर्वे में ड्यूटी नहीं करने पर 10 के खिलाफ एफआइआर

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोविड-19 सर्वे (फैमिली डाटा ऑनलाइन एकत्र करने) में ड्यूटी लगने के बावजूद गैर मौजूद रहने वाले 10 लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सिटी थाना में एफआइआर कराई है। इनमें लेक्चरर, क्लर्क, लाइनमैन, जेबीटी आदि शामिल हैं। मामला आपदा प्रबंधन एक्ट-2005 की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है। ड्यूटी नहीं करने के संबंध में इन्हें पुलिस के समक्ष पक्ष रखना होगा।

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एडीसी प्रीति ने 10 जुलाई को एसपी मनीषा चौधरी को एक शिकायत दी थी। इसमें लिखा गया था कि कोविड-19 सर्वे में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की बतौर बीएलओ-टीम लीडर ड्यूटी लगाई गई थी। शहर विधानसभा क्षेत्र में घर-घर दस्तक देकर परिवार के सदस्यों का ऑनलाइन डाटा एकत्र करना था। ड्यूटी लगने के बावजूद कर्मचारी लापरवाही बरतते हुए, अनुपस्थित रहे हैं। हरियाणा सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी पानीपत के आदेशानुसार यह ड्यूटी लगाई गई थी। संबंधित अधिकारी ने कई बार कर्मचारियों को कॉल की गई, रिसीव नहीं हुई। कार्यालय के माध्यम से भी टेलीफोन कराए, जबाव नहीं मिला। जिला निर्वाचन कार्यालय के माध्यम से भी सूचना दी गई, इसके बावजूद रुचि नहीं दिखाई।

कार्य में लापरवाही बरतने पर कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए। एसपी के आदेश पर सिटी थाना में 10 लोगों के विरुद्ध डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इनके विरुद्ध दर्ज हुआ है मुकदमा :

नरेश स्टोरकीपर, सिविल सर्जन ऑफिस।

रघुवीर दत्त शिक्षक, आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल।

रवींद्र रावल शिक्षक, आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल।

अनिल राजपूत शिक्षक, आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल।

ईशम सिंह लाइनमैन, बिजली निगम।

धर्मबीर सिंह क्लर्क, नगर निगम।

रीटा शिक्षक, आइबीएल स्कूल।

रीना जेबीटी, जीजीएसएसएस मॉडल टाउन।

विजय क्लर्क, डीआइसी कार्यालय।

मोनिका जेबीटी, जीपीएस उग्राखेड़ी। कुछ के बहाने तो कुछ की दिक्कतें..एक ने कहा पेट में दर्द रहता है

नरेश-मुझे कॉल तो आई थी लेकिन विभागीय पत्र नहीं मिला। कोविड-19 में ड्यूटी लगी है।

रघुवीर दत्त-करीब एक माह से मेरे पेट में दर्द रहता है।

रवींद्र रावल-स्कूल से तीन माह की सेलरी नहीं मिली। भरण-पोषण के लिए खेती कर रहा हूं।

अनिल राजपूत-प्राइवेट जॉब है, तीन माह से सेलरी नहीं मिली। जॉब छोड़ दी है, क्यों जाऊं।

ईशम सिंह-बिजली निगम की उपभोक्ता कोर्ट में ड्यूटी रहती है। यहां से रिलीव नहीं हो सका।

रीना-सर्वे में 25 जून से ड्यूटी कर रही हूं। दूसरी टीचर अनुपस्थित रहीं, मेरा नाम गलती से नाम चला गया।

विजय-सर्वे में रोजाना ड्यूटी कर रहा हूं, 200 घरों का सर्वे भी कर चुका हूं। पता नहीं कैसे मेरा नाम दिया।

मोनिका-रिश्तेदारी में दो मृत्यु हुई। सास सदमे में थी। ड्यूटी स्थान क्लीयर नहीं था। अब ड्यूटी कर रही हूं।

दो साल तक हो सकती है सजा :

आदेशों के उल्लंघन का दोष साबित होने पर एक साल की सजा अथवा जुर्माना (या दोनों) हो सकता है। इस तरह की बाधा या इंकार करने से जानमाल का नुकसान होता है या ऐसा खतरा उत्पन्न होता है तो यह दंडनीय अपराध हो सकता है। कारावास दो साल तक बढ़ सकता है।

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सर्वे ड्यूटी से अनुपस्थिति रहने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध एफआइआर कराई है। इन्हें पुलिस के समक्ष अपना पक्ष रखना होगा। सर्वे में ड्यूटी करने वाले और वास्तविक दिक्कतों का सबूत देने वालों का नाम जांच में पुलिस हटा भी सकती है।

प्रीति, एडीसी


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