पानीपत में भ्रूणहत्या का पर्दाफाश, गर्भपात के लिए लगाने वाली थी इंजेक्शन, टीम ने दबोचा
पानीपत में भ्रूण हत्या का पर्दाफाश हुआ है। तहसील कैंप में झोलाछाप के क्लीनिक में गर्भवती को गर्भपात के लिए इंजेक्शन लगाने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबोच लिया। 20 साल से किराये के कमरे में क्लीनिक चल रहा था।
पानीपत, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) टीम ने तहसील कैंप स्थित झोलाछाप के क्लीनिक में छापा मारा। झोलाछाप, एक गर्भवती को गर्भपात का टीका लगाने वाली थी, टीम ने उसे दबोच लिया। क्लीनिक से तमाम मेडिसिन, ग्लूकोज की खाली व भरी बोतलें आदि सामान बरामद किया है।
पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. अमित ने बताया कि डीएलएसए (जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण) के सचिव एवं सीजेएम अमित शर्मा के कार्यालय से सूचना मिली थी कि तहसील कैंप, मेलाराम पार्क के पास चाेपड़ा क्लीनिक है। वहां की डा. पूनम एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी) किट बेचती है। मोटी रकम लेकर गर्भपात भी करती है।
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डीसी धर्मेंद्र सिंह के निर्देश पर टीम गठित की गई। आइटीआइ के प्रिंसिपल कृष्ण कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया। उनके अलावा डा. सुखदीप कौर और जिला औषधि नियंत्रक विजया राजे को टीम में शामिल किया। एक डिकाय को भी साथ में लिया गया। टीम जब क्लीनिक पर पहुंची तो पूनम ने सीरिंज में दवा भरी हुई थी, गर्भवती को गर्भपात का टीका लगाने वाली थी।
मौके से एंटीबायोटिक, दर्द निवारक सहित कई तरह की मेडिसिन, ग्लूकोज की खाली और भरी बाेतलें मिली।सभी दवाईयों को जब्त कर,आरोपित पूनम को तहसील कैंप चौकी पुलिस को सौंप दिया है। तहसील कैंप मेला राम पार्क के पास झोलाछाप पूनम का 20 साल से क्लीनिक है।
गर्भपात की अनाप-शनाप दवा
डा. अमित के मुताबिक पूनम से एमटीपी किट कि बारे में पूछा तो उसने क्लीनिक में होने से इन्कार कर दिया। उसने बताया कि वह गर्भपात कराने आने वाली महिलाओं को कोई भी दवा, चूरन देकर रकम ऐंठ लेती थी।
भाजपा वर्कर सपोर्ट में खड़ी दिखी
स्वास्थ्य विभाग की टीम जब मौके पर कार्रवाई कर रही थी तो भाजपा की एक वर्कर पूनम के सपोर्ट में खड़ी दिखी। वह पूनम को बचाव के रास्ते बताती रही। इतना ही नहीं मीडिया को बताती रही कि क्या लिखना है, क्या नहीं।
पुलिस की गाड़ी में नहीं बैठी
पुलिस ने जब पूनम को चौकी चलने के लिए गाड़ी में बैठने का इशारा तो उसने मना कर दिया।मुहल्ले में अपने सम्मान की दुहाई देकर, प्राइवेट गाड़ी की मांग की। उसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा किराये पर ली गई कार में बैठाकर, चौकी लाना पड़ा। चिकित्सक पैदल ही चौकी पहुंचे।
नहीं दिखा सकी डिग्री-लाइसेंस
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उससे मेडिकल डिग्री मांगी, वह दिखा नहीं की। उसने बताया कि पति ब्रजमोहन की कुछ वर्ष पहले मौत हो चुकी है। उससे पहले से वह काम कर रही है। दवा बिक्री का लाइसेंस भी नहीं दिखाया।