जींद में स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी, गर्भपात करवा तीन माह के भ्रूण को मिट्टी में दबाया
पानीपत के बाद अब जींद में भी गर्भपात कराने का मामले का पर्दाफाश हुआ है। जींद के सफीदों में गर्भपात का मामला सामने आया है। यहां गर्भपात करवाकर तीन माह के भ्रूण को मिट्टी में दबा दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की।
जींद, जेएनएन। भ्रूण हत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। गर्भपात कराने का गिरोह एक्टिव है। पानीपत के बाद अब जींद में भी गर्भपात कराने का मामला सामने आया है। यहां गर्भपात कराकर तीन माह के भ्रूण को मिट्टी में दबा दिया गया।
सफीदों के बेरी खेड़ा गांव में महिला का गर्भपात करवाकर तीन महीने के भ्रूण को मिट्टी में दबा दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुप्ता सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए मिट्टी में दबाए गए भ्रूण को मिट्टी से निकाला।
स्वास्थ्य विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि गांव बेरीखेड़ा निवासी देवेंद्र की पत्नी मुकेश का गर्भपात करवाया गया है। इसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डा. पालेराम के नेतृत्व में पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने मुकेश के मकान पर छापेमारी की।
इस दौरान पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी छत्रपाल तथा नायाब तहसीलदार इंद्र सिंह मौके पर मौजूद रहे। छापामार टीम ने मुकेश की निशानदेही पर मिट्टी में दफनाए गए लगभग 13 सप्ताह के भ्रूण को और घर से एमटीपी किट को बरामद कर दिया।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि उसने 17 मार्च को असंध में अल्ट्रासाउंड करवाया था। मोनिका शर्मा के कहने पर अल्ट्रासाउंड केंद्र के संचालक जोगेंद्र ने दिलबाग को एमटीपी किट उपलब्ध करवाई। छापामार टीम ने भ्रूण बरामद करके पीजीआइ रोहतक रेफर भेज दिया।
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डा. पालेराम की शिकायत पर पुलिस ने गांव बेरीखेड़ा निवासी मुकेश, उसके पति देवेंद्र, जेठ अमित, सास कृष्णा, रिश्तेदार गांव खेड़ा खेमावती निवासी दिलबाग, अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक जोगेंद्र तथा महिला चिकित्सक डा. मोनिका के खिलाफ अवैध गर्भपात करवाने व एमटीपी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
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