त्योहार पर आग लगी, पढ़िए बेबसी की ये कहानी, इनके घर कोई नहीं आ सकता
पानीपत के जाटल रोड में फैक्ट्री में लगी आग ने 20 से ज्यादा परिवारों को अपने घर से बेघर किया। जिस फ्लैट में शिफ्ट किया गया वहां भी सुविधा नहीं दी जा रही। डीसी के सामने महिलाओं ने रोया दुखड़ा।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत में कुछ दिन पहले लगी आग ने फैक्ट्री को ही नहीं जलाया, आसपास के घरों तक इसकी तपिश पहुंच गई। यह तपिश इतनी ज्यादा रही कि उनके घरों में दरार आ गई। इन परिवारों को यहां से दूर नहर के पास फ्लैट में शिफ्ट तो कर दिया गया लेकिन कोई सुविधा नहीं दी। बेबसी इतनी ज्यादा है कि कोई बाहरी व्यक्ति इनके घर नहीं आ सकता। यानी, दीवाली के दिनों में कोई बधाई देने नहीं पहुंच सकता। क्योंकि जिला प्रशासन ने फ्लैट में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है। महिलाओं ने डीसी से प्रार्थना की कि कम से कम हमें कैद में तो न रखो।
पानीपत के जाटल रोड पर यूनाइटेड ओवरसीज में भीषण आग लग गई थी। करोड़ों का नुकसान हुआ। इसके साथ ही आसपास की तीन कालोनियों में इस आग का असर हुआ। कालोनियों को खाली करवा दिया गया था। इन घरों के गिरने का खतरा बना हुआ है। जब तक घरों की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक इन्हें वहां नहीं जाने दिया जा रहा। दो दिन तक इन परिवारों ने खुले आसमां के नीचे रात बिताई। विरोध हुआ तो जिला प्रशासन ने इन्हें इंपीरियल फ्लैट में शिफ्ट किया।
रिश्तेदार फोन करते हैं, अंदर नहीं आ सकते
महिलाओं ने बताया कि इंपीरियल फ्लैट में बाहरी लोग नहीं आ सकते। रिश्तेदार फोन करते हैं। बाहर खड़े होते हैं। सुरक्षा गार्ड इन्हें अंदर नहीं जाने देते। फोन पर ही मजबूरी में बात कर पाते हैं।
धरना देने की चेतावनी
महिलाओं ने कहा कि उनका पहले जैसा घर था, वैसा ही बनाकर दें। उनके घरों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। जब तक घर सही नहीं करते, वे विरोध करते रहेंगे। जल्द समाधान नहीं किया तो कंडम घरों के बाहर ही बैठकर धरना देंगे।
घर मिलने तक फ्लैट में ही रखें
लोगों ने कहा कि जब तक घर नहीं मिल जाते, तब तक फ्लैट से न निकाला जाए। इसके साथ ही सुविधाएं भी दी जाएं। इस समय पानी से लेकर बिजली तक की दिक्कत है। दीवाली का उनका पूरा त्योहार खराब हो गया है। दुकानदारी ठप हो गई है। बच्चों की स्कूल की फीस कैसे भरेंगे।