Move to Jagran APP

जिले की सहकारी समितियों में ढाई माह से नहीं मिल रहा खाद, धरतीपुत्र परेशान

किसानों की सुविधा को लेकर खोली गई सहकारी समितियों में पिछले ढाई माह से किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है। किसान हर रोज समितियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। वहीं कुछ मजबूरन प्राइवेट दुकानों से खरीद रहे हैं। आरोप है कि वहां उन्हें खाद के साथ पेस्टीसाइड लेना पड़ता है। अन्यथा डीलर खाद न आने की बात बोल टाल देते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 09:48 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 09:48 AM (IST)
जिले की सहकारी समितियों में ढाई माह से नहीं मिल रहा खाद, धरतीपुत्र परेशान
जिले की सहकारी समितियों में ढाई माह से नहीं मिल रहा खाद, धरतीपुत्र परेशान

जागरण संवाददाता, पानीपत : किसानों की सुविधा को लेकर खोली गई सहकारी समितियों में पिछले ढाई माह से किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है। किसान हर रोज समितियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। वहीं कुछ मजबूरन प्राइवेट दुकानों से खरीद रहे हैं। आरोप है कि वहां उन्हें खाद के साथ पेस्टीसाइड लेना पड़ता है। अन्यथा डीलर खाद न आने की बात बोल टाल देते हैं।

loksabha election banner

जिले में छोटी व बड़ी 35 सहकारी समितियां है। किसानों की एमसीएल (मेक्सिमम क्रेडिट लिमिट) बनी हुई है। उन्हें कैश व काइंड स्कीम का लाभ मिलता है। समितियां कैश में नकद राशि व काइंड में यूरिया, डीएपी खाद व पेस्टीसाइड उपलब्ध कराती हैं। जहां किसानों को छह माह (सीजन) में हिसाब किताब करना होता है। समय पर पेमेंट करने वाले किसानों के ब्याज की भरपाई सरकार की तरफ से की जाती है। जबकि पहले सात और फिर चार फीसद ब्याज भरना पड़ता था। लेकिन सरकार ने पिछले दिनों उक्त ब्याज की भरपाई खुद करने का ऐलान कर दिया था। परंतु विभागीय अनदेखी के चलते किसानों को समितियों से उम्मीद के मुताबिक फायदा नहीं मिल पा रहा है। जल्द कराएंगे समाधान

डीसी सुशील सारवान ने दैनिक जागरण को बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था। अब पता चला है तो जल्द ही संबंधित विभागों के अधिकारियों से बात कर सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध कराया जाएगा। बार बार लिख रहे हैं पत्र

असिस्टेंट रजिस्ट्रार डा. रामकुमार सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि सहकारी समितियों में यूरिया व डीएपी खाद इफको व हैफेड के जरिये मंगाया जाता है। शुरुआत में कुछ आया था। हाल में पीछे से दोनों का स्टाक नहीं आ रहा है। पत्र लिखे हैं। नहीं लग पा रहा रैक

डीएम हैफेड कृष्ण का कहना है कि रेलवे का रैक नहीं लग पा रहा है। इस कारण खाद की सप्लाई नहीं आ पा रही है। जिले में यूरिया की किल्लत नहीं

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. वीरेंद्र देव आर्य का कहना है कि यूरिया की जिले में कोई किल्लत नहीं है। 10 हजार मीट्रिक टन यूरिया स्टाक में है। इसमें 3300 कोपरेटिव एजेंसी व 6700 मीट्रिक टन प्राइवेट डीलरों के पास है। हर रोज एनएफएल से कई कई गाड़ी खाद की आ रही है। उन्होंने बताया कि 15 जून से धान की रोपाई शुरू हुई थी। जिले में खरीफ सीजन में करीब 36 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता होती है। करीब 22 हजार मीट्रिक टन खाद लग चुका हैं।

भाकियू ने भी की मांग

भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान कुलदीप बलाना ने जिला प्रशासन व सरकार से सहकारी समितियों में जल्द यूरिया खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। खाद की किल्लत होने पर किसानों की मजबूरी का फायदा उठा प्राइवेट डीलर खाद के साथ पेस्टीसाइड दे देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.