बेटी को मैरीकॉम बनाने के लिए पिता ने बेची जमीन
विजय गाहल्याण, पानीपत शिमला मौलाना गांव के धर्मेद्र सिंह टैक्सी की कमाई से बॉक्सर बेटी विंका क
विजय गाहल्याण, पानीपत
शिमला मौलाना गांव के धर्मेद्र सिंह टैक्सी की कमाई से बॉक्सर बेटी विंका के लिए खेल का सामान व खुराक नहीं जुटा पा रहे थे। बेटी को मैरीकॉम जैसा बनाने का सपना धूमिल नजर आने लगा तो आधा एकड़ जमीन बेच दी। बेटी के अभ्यास में खलल न पडे़, इसलिए उसके लिए ऑटो लगा दिया। सुबह-शाम चालक उसे ऑटो से शिवाजी स्टेडियम में लाते व ले जाते हैं। जिस दिन ऑटो चालक नहीं होता, उस दिन वे बेटी को छोड़ने जाते हैं।
विंका ने भी पिता को मायूस नहीं किया और 7 से 8 जनवरी को भिवानी में हुई राज्य स्तरीय खेलो इंडिया प्रतियोगिता में भिवानी, कैथल, गुरुग्राम व झज्जर की बॉक्सर को हराकर हरियाणा की टीम में जगह बना ली है। अब वह गुवाहाटी में 21 से 26 जनवरी को होने वाली खेलो इंडिया नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दमखम दिखाएगी।
युवकों की पिटाई करने के बाद हॉकी छोड़ बनी बॉक्सर
आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा ने बताया कि वह हॉकी में राज्य स्तर पर पदक जीत चुकी है। बड़ी बहन मोनिका भी हॉकी की खिलाड़ी है। उसे हॉकी रास नहीं आई। दो साल पहले उसने बॉक्सर मैरीकॉम पर बनी फिल्म देखी। तभी से उसने ठान लिया था कि वह बॉक्सर बनेगी। एक दिन छींटाकशी करने पर उसने कई युवकों की पिटाई कर दी। तब से उसका हौसला बढ़ा और शिवाजी स्टेडियम में बॉक्सिंग का अभ्यास शुरू कर दिया। वह अभ्यास लड़कों के साथ करती है। इससे मन का डर भी खत्म हो गया है।
खुद पहलवान न बन पाया, बेटियों को बना दिया खिलाड़ी
धर्मेद्र ने बताया कि वह पहलवान बनना चाहता था, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सफल नहीं हो पाया। इसके बाद उसने ठान लिया था कि वह बड़े बेटे अजय को पहलवान बनाएगा। अजय हादसे का शिकार हो गया। इससे निराश हो गया। छोटी बेटी विंका ने कहा कि वह पहलवान नहीं, बॉक्सर बनेगी। उसने खेलने की इजाजत नहीं दी, क्योंकि छह साल की उम्र में विंका छत से गिर गई और उसका सिर फट गया था। 20 से ज्यादा टांके लगे थे। डर था कि कहीं वह दिक्कत में न आ जाए। विंका की खेलने की जिद की वजह से हामी भर दी। विंका ने सफलता अर्जित की है। इससे खुश हूं। उम्मीद है कि वह मैरीकाम की तरह देश का नाम करेगी। बड़ी बेटी मोनिका हाकी की अच्छी खिलाड़ी है। छोटा बेटा सचिन बॉक्सिंग करता है।
लड़कों को खूब पीटती है विंका
बॉक्सिंग कोच सुनील कुमार ने बताया कि सदी हो या गर्मी विंका हर रोज सुबह-शाम तीन-तीन घंटे अभ्यास करती है। उसका स्टेमीना बहुत है। पंच में भी जान है। विंका का ¨रग में लड़कों के साथ मुकाबला कराता हूं। वह उन्हें पीटती भी खूब है।