दिल दहला देने वाली वारदात, करनाल में तीन मासूमों को नहर में फेंक घर पहुंचा पिता, बोला- मैंने मार दिए
करनाल के नलीपार गांव में सोमवार देर रात घरेलू विवाद के चलते एक पिता ने अपने ही तीन मासूमों को नहर में फेंक दिया। इसके बाद घर आकर उसने बताया कि उसने बच्चों को मार डाला है। इस सनसनीखेज घटना से गांव का हर व्यक्ति सहम गया।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। हरियाणा के करनाल में दिल दहला देने वाला सामने आया है। एक पिता ने अपने ही तीन मासूमों को नहर में फेंक दिया। इसके बाद घर पहुंचकर उसने परिजनों से बोला कि मैंने बच्चों को मार दिया। बच्चों की नहर में तलाश की जा रही है।
दरअसल, करनाल के नलीपार गांव में सोमवार देर रात घरेलू विवाद के चलते गांव नलीपार वासी सुशील कुमार रात करीब साढ़े नौ बजे बाइक पर अपने तीन बच्चों तीन वर्षीय देव, पांच वर्षीय जोनी और आठ वर्षीय शिव को बाइक पर बैठाकर घर से निकल गया। परिवार के लोगों ने भी उसे देख लिया और वे भी पीछे दौड़े, लेकिन वह हाथ नहीं आया। उसने बच्चों को कलवेहड़ी व सुबरी गांव के बीच नहर में फेंक दिया। इसके बाद वह दूसरे रास्ते से घर पहुंचा। पिता चरण सिंह को कहा कि मैंने बच्चों को नहर में फेंक दिया है, फिर कपड़े बदले और फरार हो गया।
जो परिजन पीछे गए थे, उन्हें नहर के पास किसी ने बताया कि कोई व्यक्ति आया था और बच्चों को फेंककर फरार हो गया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी और कुंजपुरा थाना के एसएचओ मुनीष कुमार टीम के साथ पहुंचे तो वहीं पुलिस कंट्रोल रूम में भी सूचना दी, जिसके बाद गोताखोर मौके पर पहुंचे और सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
देर रात तक भारी संख्या में पुलिस बल व ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे। गांव के सरपंच कृष्ण लाल का कहना है कि सुशील कुमार का घरेलू विवाद बताया जा रहा है। वहीं एसएचओ मुनीश कुमार का कहना है कि अभी बच्चों व आरोपित की तलाश की जा रही है, जिसके बाद ही घटना के बारे में पूरी जानकारी का पता चल सकेगा। बच्चों की तलाश के लिए गोताखोर लगाए गए हैं। वहीं पुलिस उसकी पत्नी को लेकर थाने पहुंची, जहां उसके बयान दर्ज किए गए।
गांव के लोगों में फैला रोष, कड़ी सजा की उठी मांग
यह सनसनीखेज खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई और हर कोई पीड़ित परिवार के घर पर पहुंच गया। गांववासी यह जानकार सहम गए और कुछ ग्रामीण बच्चों की तलाश में भी निकल पड़े। वहीं इस घटना के बाद आरोपित को लेकर लोगों में कड़ा रोष भी दिखाई दिया। गांववासी हरिकेश, रामसिंह, राजेश आदि का कहना है कि इससे बड़ा निर्दयी कोई नहीं हो सकता, जो अपने ही कलेजे के टुकड़ों को इस तरह जिंदा नहर में फेंक दें। ऐसे आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।