पिता हत्या के मामले में जेल में बंद, बेटा पानीपत की छात्रा से गैंगरेप का आरोपित Panipat News
पानीपत छात्रा से गैंगरेप के आरोपित दोनों युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनमें से एक आरोपित के पिता हत्या के मामले में जेल में बंद हैं।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का एक आरोपित के मामले में चौकाने वाला मामला सामने आया है। छात्रा से दुष्कर्म का आरोपित के पिता हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। दुष्कर्म के दोनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पानीपत के मॉडल टाउन स्थित डीएवी पार्क से 11वीं कक्षा की छात्रा के दोस्त ने अपने दोस्त के साथ मिलकर शुक्रवार शाम को कार से अपहरण किया। दिल्ली पैरलल नहर ले गए और शराब पिलाकर छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद आरोपित छात्रा को अद्र्धनग्न हालत में पार्क के पास छोड़ कर जाने लगे तो लोगों ने उन्हें देख लिया। लोगों ने आरोपितों को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
कार से शराब की बोतल, गिलास और नमकीन मिली
पुलिस ने आरोपित विशु की कार और पीडि़त की एक्टिवा जब्त कर ली है। कार में में डैश बोर्ड पर खाली गिलास, नीचे सीट के पास छात्रा का बैग, पर्स पड़ा था। पीछे की सीट पर चिप्स और नमकीन के चार पैकेट और पानी की तीन बोतलें पड़ी थी।
छात्रा के पिता की हो चुकी है मौत
घटना शुक्रवार शाम 7:30 बजे की है। मॉडल टाउन क्षेत्र की एक कॉलोनी की नॉन मेडिकल की 11वीं कक्षा की 14 वर्षीय छात्रा ने पुलिस को शिकायत दी कि उसके पिता की दस साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। वह मां और बड़े भाई सहित चाचा के परिवार के साथ रहती है।
जरूरी बातें
किशोरावस्था के आकर्षण को प्यार समझना भूल: डॉ. गौरव
किशोरावस्था में लड़का-लड़की का एक-दूसरे के प्रति आकर्षण का कारण बॉडी हार्मोंस में बदलाव है। इसे प्यार समझना और एक-दूसरे पर विश्वास करना बड़ी भूल साबित होती है। किशोरों को यह बात अच्छे से समझनी चाहिए।
किशोरों की गतिविधियों पर रखें नजर
डॉ. भटेजा के मुताबिक सबसे बड़ी भूमिका परिवार और शिक्षकों की है। बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें। बच्चा ही एक्सट्रा समय दे रहा है तो उससे बात करें। बेटा हो या बेटी, बात करते समय मित्रता वाला व्यवहार रखना होगा।
बच्चे का ऐसा व्यवहार देखें तो हो जाएं सावधान
दोस्तों के साथ अधिक समय बीताना। स्कूल-ट््यूशन क्लास से बंक मारना। स्वजनों से बातों को छिपाने की कोशिश करना। घर में उसे कैद सी महसूस होती हो। मोबाइल फोन घंटो बातें करना। वाट््सएप पर देर तक चैट करना। बाहर से खा-पीकर आना। रहन-सहन एकाएक स्टाइलिश हो जाना आदि।
प्रेमी के संग घर से भागने वाली 90 फीसद लड़कियां 15 से 17 वर्ष के बीच की होती हैं। सरकार को शादी लायक उम्र 18 से कम कर 16 करने पर विचार करना चाहिए। स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट को दुरुस्त करने की जरूरत है। बच्चों के हित में काम करने वाली एजेंसियों को धरातल पर जागरूकता कार्यक्रम करने चाहिए।
पदमा रानी, एडवोकेट, चेयरपर्सन-बाल कल्याण समिति
नई चुनौतियों के पाठ्यक्रम शामिल हों
बच्चों को अच्छे संस्कार देने में माता-पिता के साथ शिक्षक की भी बड़ी भूमिका होती है। माह में एक पीरियड ऐसा हो, जिसमें सिलेबस से इतर बच्चों की चुनौतियों-समस्याओं पर बात हो। पाठ्यक्रम में भी ऐसा कोई चैप्टर होना चाहिए। अभिभावक मीङ्क्षटग सहित स्कूल के कार्यक्रमों में माता-पिता की सहभागिता बढ़े।
रेखा शर्मा, प्रधानाचार्या, आर्य बाल भारती पब्लिक स्कूल
बच्चों के मित्र बनें
एकल परिवारों के कारण समाज में बहुत सी नई चुनौतियों ने जन्म ले लिया है। बच्चों को शिक्षित और कामयाब बनाने के लिए बाहर तो जाना ही पड़ेगा। अब माता-पिता के पास बच्चों का मित्र बनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कुछ गलत देखें तो प्यार से समझाएं।
पवन खुराना, एडवोकेट
बेटियों के साथ बेटों को भी दें सीख
समाज का चलन उल्टा है, किसी बच्ची के साथ कुछ गलत हो जाए तो उसका दोष निकालना शुरू कर देते हैं। सभी परिवार बेटियों के साथ बेटों को भी संस्कार सिखाएं। दोस्ती की सीमा न लांघें। इसकी जानकारी दें। कानूनों की जानकारी भी दी जाए।
त्रिलोक सिंह, तहसील कैंप