अनाज की ट्राली लेकर मंडियों में भटक रहे किसान
किसान गेहूं की फसल बेचने के लिए धक्के खा रहे हैं। अनाज मंडी में ट्राली के साथ भटक रहे हैं लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा है। मौसम विभाग के बारिश की आशंका जताने से उनकी नींद उड़ी हुई है।
जागरण संवाददाता, समालखा :
हथवाला सहित कुछ गांव के किसानों की गिरदावरी मैच नहीं करने से मेरी फसल, मेरा ब्योरा खरीद पोर्टल पर डाटा नहीं मिल रहा है। किसान गेहूं की फसल बेचने के लिए धक्के खा रहे हैं। अनाज मंडी में ट्राली के साथ भटक रहे हैं, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा है। मौसम विभाग के बारिश की आशंका जताने से उनकी नींद उड़ी हुई है।
हथवाला के किसान अंजू त्यागी, अनिल, देवेंद्र, उमेश आदि ने बताया कि उन्होंने 5 अप्रैल को गेहूं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था। ड्रोन के साथ राजस्व और कृषि विभाग की ओर से फसलों की गिरदावरी की गई थी। 10 दिन पहले रजिस्ट्रेशन के बाद भी उनकी गिरदावरी को संबंधित विभाग ने अप्रूव नहीं किया है। हरसेक सहित राजस्व और कृषि विभाग की गिरदावरी आपस में मिल नहीं रही है। जबकि उनकी अधिकांश फसल तैयार है तो कुछ अभी खेतों में खरी है। फोन पर मैसेज नहीं आने बाद वे अनाज मंडी और अधिकारियों व कर्मचारियों के पास धक्का खा रहे हैं। कहीं से संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। अंजू ने बताया कि राजस्व कर्मचारी ने मार्केट कमेटी तो कमेटी के कर्मियों ने
पानीपत के कृषि उपनिदेशक के पास जाने को कहा। उपायुक्त के दफ्तर में भी दस्तक दी, किसी ने ठोस जवाब नहीं दिया। फसल खेत में खड़ी है। एसडीएम और नोडल अधिकारी विजेंद्र हुड्डा ने बताया कि गिरदावरी मिस मैच होने से हथवाला के किसानों के साथ समस्या है। राजस्व विभाग के मैन्युअल गिरदावरी को आधार मानकर खरीद करने की अनुमति देने उच्चाधिकारी को लिखा गया है।