अनदेखी पर किसानों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 8 को प्रदर्शन
किसान यूनियन 8 जून को प्रदर्शन करेंगी। डीसी को सीएम मनोहर लाल के नाम ज्ञापन देंगे। डेढ़ लाख करोड़ का राहत पैकेज देने की रखी मांग।
पानीपत, जेएनएन। केंद्र और प्रदेश सरकार जानबूझ कर किसान की अनदेखी कर रही है। महामारी और आर्थिक मंदी के इस दौर में किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर हो चुका है। किसानों को आर्थिक राहत नहीं मिलने के कारण आगामी 8 जून को प्रदेश के जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर किसान डीसी के माध्यम से सीएम मनोहर लाल को ज्ञापन सौंपेंगे। ये बातें प्रदेशाध्यक्ष रतन ङ्क्षसह मान ने बुधवार को किसान भवन में हुई पंचायत में कही।
जिलाध्यक्ष कुलदीप बलाना की अध्यक्षता में प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने किसानों को अधिकारियों द्वारा बेवजह तंग किए जाने का मुद्दा उठाया। किसी किसान को बेवजह परेशान करने और रिश्वत मांगने पर बुरा परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि महामारी के कारण किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। फल, फूल, सब्जियों के अलावा पोल्ट्री व्यवसाय भी तबाह हो गया है। आज किसानों को कर्ज नहीं आर्थिक मदद की जरूरत है। लेकिन सरकार तमाशबीन बनी हुई है। बैठक का संचालन सचिव प्रताप माजरा ने किया।
ये है किसानों की 11 मांगे
- किसानों को कर्ज मुक्त किया जाए।
- डेढ़ लाख करोड़ रूपए का राहत पैकेज जारी किया जाए।
- समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का कानून बनाया जाए।
- सूरजमुखी व मक्के के घोषित समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद शुरू की जाए।
- गन्ने की बकाया पेमेंट और इकबालपुर मिल में फंसी पेमेंट दिलाई जाए।
- बिजली निगम पोर्टल खोलकर लंबित बिजली के 82 हजार टयूबवेल कनेक्शन जारी किए जाए।
- नहरी राजबाहों व खालों की समय रहते सफाई करवाई जाए।
- 25 जून से नहरी खालों में धान रोपाई के लिए पानी छोड़ा जाए।
- सहकारी पैक्स के दवाई व खाद बिक्री के लाइसेंसों का नवीनीकरण किया जाए।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की धनराशि 26 हजार रूपए की जाए।
- बुढ़ापा, विकलांग व विधवा पेंशन चुनावी वादे के अनुसार 5100 रूपए प्रतिमाह दी जाए।
ये रहें मौजूद
बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष सुखपाल मोठसरा, प्रदेश महासचिव भूराराम पबनावा, महामंत्री जगमोहन मलिक, अंबाला मंडल अध्यक्ष नरपत राणा, यमुनानगर जिलाध्यक्ष सुभाष गुज्जर, सोनीपत जिलाध्यक्ष कृष्ण शर्मा, सुरेंद्र सांगवान, उदय सिंह, कपिल गढ़ी, ऋषिपाल नांदल, महताब कादियान, ङ्क्षबटू मलिक, सुभाष चमरोड़ी, राम किशन ढिल्लो व गुरमेल मौजूद रहें।