Farmers Tractor Parade: दिल्ली में किसान, नारी शक्ति ने संभाली आंदोलन की कमान
Farmers Tractor Parade किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के लिए निकल चुके हैं। वहीं धरना स्थल में महिलाओं ने कमान संभाल ली है। करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा में किसानों के दिल्ली कूच के बाद महिलाओं ने क्रमिक भूख हड़ताल की जिम्मेदारी संभाल ली।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। Farmers Tractor Parade किसानों के दिल्ली कूच के बाद महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया है। क्रमिक भूख हड़ताल के 31वें दिन पांच महिलाएं भूख हड़ताल पर बैठी। महिलाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
महिला किसानों ने चेताया कि तीन कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है और इन्हें रद्द करवाने के लिए किसान दिल्ली और हाइवे के टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को बसताड़ा टोल प्लाजा पर बैठे किसान दिल्ली ट्रैक्टर परेड के लिए कूच कर गए है और क्रमिक भूख हड़ताल की जिम्मेदारी महिला किसानों को सौंपी गई है।
सुबह सैंकड़ों महिलाएं टोल प्लाजा पर एकत्रित हुई और सरकार की नीतियों व कृषि कानूनों के प्रति रोष जताया। क्रमिक भूख हड़ताल पर पांच महिलाएं बैठी। जिसमें अंजू, कृष्णा, उमेश, कमला व रामरती के नाम शामिल है।
आंदोलनकारी महिलाओं ने कहा कि देश के लिए अन्न उगाने वाला किसान आज कड़ाके की सर्दी में सड़कों पर बैठा है। करीब दो माह से दिल्ली में प्रदर्शन चल रहा है और करीब एक माह से बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसान क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
26 जनवरी की ट्रेक्टर परेड सरकार की आंखें खोलने का काम करेगी। लाखों की संख्या में ट्रेक्टर दिल्ली की सड़कों पर परेड करेंगे। जब तक किसान वापिस नहीं आते तब तक बसताड़ा टोल प्लाजा पर जारी क्रमिक भूख हड़ताल की कमान महिलाएं संभालेगी। वहीं महिलाओं के साथ मंच पर साध्वी देवा ठाकुर भी पहुंची और उन्होंने महिलाओं का हौंसला बढ़ाया तो वहीं तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग उठाई।
महिलाएं कमजोर नहीं : अंजू
टोल प्लाजा पर धरने व क्रमिक भूख हड़ताल में शामिल होने पहुंची महिला अंजू का कहना था कि महिलाएं किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं है। वे खेत से लेकर आंदोलन तक में हर जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है और यह महिलाओं ने कर दिखाया है। आज महिलाओं में कृषि कानूनों के विरोध में बड़ा गुस्सा है।
महिलाएं दिल्ली जाने को भी तैयार : कृष्णा
कृष्णा का कहना था कि महिलाएं टोल प्लाजा पर ही धरने व भूख हड़ताल में शामिल होने तक सिमित नहीं है। ये दिल्ली में भी आंदोलन में भाग लेने को तैयार है। महिला आज अपनी शक्ति दिखाने के लिए सड़कों पर उतर चुकी है और किसी भी स्तर पर कानून रद्व होने तक पीछे नहीं हटेंगी।
महिला भी किसी मोर्चे पर डरने वाली नहीं : कृष्णा देवी
कृष्णा देवी का कहना था कि आज किसान के लिए करने व मरने का समय आ गया है, जिसमें महिलाएं भी पीछे नहीं है। ऐसे कानून रद्व करवाने के लिए महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में उतर चुकी है। हर स्तर पर महिलाएं आंदोलन को मजबूत करने में जुटी है। किसी भी हालात से महिलाएं डरने वाली नहीं है और वे दिल्ली आंदोलन में भी जाने से पीछे नहीं हटेंगी।
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