पानीपत में दुष्यंत चौटाला का विरोध, लघु सचिवालय में चल रही मीटिंग, किसानों ने बाहर फूंके पुतले
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला बुधवार को पानीपत पहुंचे। यहां किसानों ने उनका जबरदस्त विरोध किया। उन्हें काले झंडे दिखाए। पुतला भी फूंका। दुष्यंत जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में पानीपत पहुंचे हैं। यहां लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं।
पानीपत, जेएनएन। पुलिस के कड़े पहरे के बीच बुधवार सुबह उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला लघु सचिवालय पहुंचे। कष्ट निवारण समिति की बैठक में लोगों की समस्याएं सुनीं। यहां किसानों ने उनका जबरदस्त विरोध किया। उन्हें काले झंडे दिखाए। लघु सचिवालय में अंदर मीटिंग चल रही थी। वहीं, किसानों ने लघु सचिवालय गेट पर उनका पुतला फूंका।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटौला आर्य कालेज के ग्राउंड से हेलीकॉप्टर से पहुंचे। डीसी धर्मेंद्र सिंह और एसपी शशांक कुमार सावन ने उप मुख्यमंत्री का गुलदस्ते देकर स्वागत किया। वहां से उन्हें कार से लघु सचिवालय ले जाया गया। कालेज से लेकर लघु सचिवालय के दोनों गेटों तक पुलिस का पहरा रहा। इस दौरान लघु सचिवालय के बाहर फ्लाईओवर के नीचे खड़े किसानों ने उप मुख्यमंत्री को काले झंडे लगाए। यहां किसानों ने उनका पुतला भी जलाया और जमकर नारेबाजी की।
पानीपत में लघु सचिवालय के बाहर पुतला फूंककर दुष्यंत का विरोध करते किसान।
डिप्टी सीएम के सामने आईं 16 शिकायतें
16 शिकायतों में सात शिकायत पुलिस से संबंधित हैं। इसके अलावा नगर निगम, पंचायती राज, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य विभागों से संबंधित शिकायतें हैं। थाना चांदनी बाग क्षेत्र की एक कालोनी की महिला ने आरोप लगाया कि पड़ोस के कृष्ण नामक व्यक्ति ने ढाई साल पहले उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। तभी से बेटी लापता है। आरोपित उसे व स्वजनों को जान से मारने की धमकी देता है। महिला थाना पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है। पुलिस ने दलील दी कि आरोपितों से पूछताछ की जा चुकी है। काल डिटेल भी खंगाली गई है। माडल टाउन चौकी मामले की जांच कर रही है। उप मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारी को निर्देश दिए कि मामले की ठीक से जांच की जाएगी। लड़की को ढूंढा जाए।
पुलिस के कड़े पहरे में चल रही बैठक
किसी भी व्यक्ति को सचिवालय में जाने की इजाजत नहीं थी लघु सचिवालय के दोनों गेटों और कोर्ट कांप्लेक्स के पास पुलिस का पहरा था। गेटों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। कष्ट निवारण समिति की बैठक में शामिल होने वाले फरियादियों और अधिकारियों को ही लघु सचिवालय जाने दिया गया। अन्य लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी।
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