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Farmers Protest: कैथल में बाहरी राज्यों से आई धान की गाड़ियां, किसानों ने रोका, हंगामा, वीडियो वायरल

किसानों ने बाहरी राज्यों से आई गाड़ियों के मामले में एक वीडियो भी वायरल की है जिसमें उनके द्वारा अपने कब्जे में ली गई बिल्टी की वीडियो भी शेयर की है। किसानों ने कहा कि कई बार पंजाब के बिल काटकर धान चीका में उतार ली जाती है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 06:36 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 06:36 PM (IST)
Farmers Protest: कैथल में बाहरी राज्यों से आई धान की गाड़ियां, किसानों ने रोका, हंगामा, वीडियो वायरल
कैथल में बाहरी राज्यों से आई धान की गाड़ियों को किसानों ने रोका।

गुहला-चीका(कैथल), संवाद सहयोगी। चीका में पिहोवा रोड पर किसानों ने बाहरी राज्यों से आई धान लदी लगभग आधा दर्जन गाड़ियों को एकाएक रोक लिया और धान की गाड़ियों को अपने कंट्रोल में ले लिया। इसके अलावा उन्होंने बाहरी राज्यों से आई गाड़ियों के मामले में एक वीडियो भी वायरल की है, जिसमें उनके द्वारा अपने कब्जे में ली गई बिल्टी की वीडियो भी शेयर की है। किसानों ने कहा कि कई बार पंजाब के बिल काटकर धान चीका में उतार ली जाती है और बिल को रफा-दफा भी कर दिया जाता है। ऐसी शिकायतें भी उन्हें प्राप्त हो रही हैं। किसानों ने कहा कि इस बार पूरे सीजन में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि पीआर किस्म की धान कब तक चीका क्षेत्र में आएगी।

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आढ़तियों व मिल मालिकों को लगाया चूना

भाकियू एकता उगराहां के जिला प्रधान प्रताप सिंह, जिला उप-प्रधान चरणजीत कौर व भाकियू चढ़ूनी ग्रुप युवा जिला अध्यक्ष हरदीप बदसूई, जिला उप-प्रधान चमकौर सिंह, आइटीसैल. महासचिव जरनैल सिंह जैली, कुलविन्द्र नंबरदार बदसूई, गुरदीप सिंह, करनैल सिंह, रणबीर सिंह, अवतार सिंह, अमरीक सिंह, हजारा सिंह, चरणजीत सिंह, भजन सिंह, मलकीत सिंह आदि ने कहा कि अक्सर मंडी में किसानों के गेट पास कटे होने की बातें सामने आती थीं। सूचनाएं मिलती थी कि बाहरी राज्यों का धान चीका मंडी में लगातार आ रहा है और पिछले वर्षों में भी इसी तरह से चीका में सस्ते भावों में धान आती थी। किसानों ने कहा कि मंडी में सरकारी समर्थन मूल्य पर फर्जी धान लिखवाते हुए कुछ आढ़तियों व मिल मालिकों द्वारा चूना लगाया गया है। भविष्य में भी ऐसा होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

हरदीप ने कहा कि इस वजह से उनके हकों पर पानी फिर रहा है। किसानों ने कहा कि गुहला क्षेत्र में बाहरी राज्यों से आने वाले धान की गाड़ियों को आज इसलिए रोका गया है ताकि मामले की तह तक जाया जा सके। किसानों ने कहा कि जब तक किसान पूरे मामले की छानबीन खुद नहीं कर लेते या फिर संबंधित विभाग अधिकारियों से नहीं करवा लेते, तब तक इसी तरह से किसान गाड़ियों को अपने कंट्रोल में रोके रखेंगे। ड्राइवरों व सहायकों को भी अपने साथ ही रखते हुए अपनी जंग जारी रखेंगे।  

कहां होता है झोलझाल

किसानों का कहना है कि चीका अनाज मंडी एशिया की बड़ी मंडियों में शुमार होने की वजह से यहां पर बाहरी राज्यों से धान बहुत ज्यादा मात्रा में पहुंचती है। इसके लिए सीजन के दौरान ही रूपरेखा तैयार हो जाती है। जिस तरह से चीका अनाज मंडी में फर्जी गेटपास मामले का राजफाश हुआ है, उससे स्पष्ट होता है कि किसान को तो अपने गेटपास तक का पता तक नहीं होता, लेकिन मंडी में पोर्टल पर फर्जी गेट पास तक कटवा दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पीआर किस्म की धान का सरकारी समर्थन मूल्य 1960 रुपये है, जबकि बाहरी राज्यों से महज 1200-1300 रुपये के बीच धान चलता है। किराया भाड़ा डालकर 1500-1600 को बीच यहां पहुंच पड़ जाता है। सरकार को प्रति क्विंटल लगभग 400-500 रुपये के बीच चूना लगा दिया जाता है।


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