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बागवानी की खेती करने वाले किसान भी जोखिम फ्री

प्रदेश सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बागवानी को प्रोत्साहि करने के लिए कई प्रकार के फलों और सब्जियों को भावांतर भरपाई योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 06:30 PM (IST)
बागवानी की खेती करने वाले किसान भी जोखिम फ्री
बागवानी की खेती करने वाले किसान भी जोखिम फ्री

जागरण संवाददाता, पानीपत: प्रदेश सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बागवानी को प्रोत्साहित कर रही है। फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना लागू की है। इन योजनाओं के लागू होने से बागवानी की खेती करने वाले किसान जोखिम फ्री हो गए हैं।

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डीसी सुशील सारवान ने बताया कि खेती की घटती जोत और एनसीआर में ताजा फल सब्जियों की मांग को पूरा करने के लिए जिला के किसानों के लिए बागवानी बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सीएम मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए हितकारी है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है। योजना के तहत आलू, फूलगोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन, भिडी, मिर्च, करेला, बंदगोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आडू, आलू बुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी को सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए हैं। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी।

डीसी ने बताया कि उत्पादन से पहले होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30 हजार प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा। इसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं, फलों की खेती पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ का प्रीमियम देकर किसान 40 हजार प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। उक्त योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण होना अनिवार्य है। योजना का उत्पादक का मेरी फसल, मेरा ब्योरा पर लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं । उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।


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