कई जिलों में किसान नहीं दे रहे खेतों में बोई गई आधी फसलों का हिसाब, कुरुक्षेत्र में सौ फीसद पंजीकरण
किसान खेतों में बोई गई आधी फसलों का हिसाब नहीं दे रहे हैं। फसलों की सरकारी खरीद के लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर डाटा अपलोड करना है जरूरी। 46.98 लाख एकड़ पर बोई फसल की जानकारी पोर्टल पर नहीं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में खरीफ फसलों की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है। मंडियों में फसल बेचने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर ब्योरा देना जरूरी है, लेकिन प्रदेश के किसानों ने अब तक केवल आधी फसलों का रिकार्ड ही सरकार को दिया है। यानी कि वह अपनी आधी फसल ही सरकारी खरीद एजेंसियों को बेच पाएंगे, जबकि बाकी फसल खुले बाजार में बेचनी पड़ेगी। प्रदेश में 88 लाख 92 हजार 235 एकड़ में खरीफ फसलें बोई गई हैं। इसमें से 34.10 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है, जबकि आठ से 10 लाख हेक्टेयर रकबे में बाजरा बोया गया है।
कपास का रकबा छह से आठ लाख हेक्टेयर के बीच है। इसके बावजूद साढ़े सात लाख किसानों ने अभी तक 46.98 लाख एकड़ पर बोई फसल की जानकारी ही मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज कराई है। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की धीमी रफ्तार पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उच्चाधिकारियों ने नाराजगी जताई है। मुख्यालय की ओर से सभी जिला अधिकारियों को हिदायत गई है कि हर खेत में बोई गई फसल का डाटा पोर्टल पर पंजीकृत होना चाहिए ताकि फसल खरीद में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
सोनीपत-रोहतक में सिर्फ एक चौथाई
मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण के मामले में कुरुक्षेत्र अव्वल है तो सोनीपत और रोहतक पिछड़े हुए हैं। दोनों जिलों में पंजीकरण का आंकड़ा 25 फीसद से भी नीचे है। वहीं, कुरुक्षेत्र में हर खेत में बोई गई फसल का आंकड़ा पोर्टल पर दर्ज हो चुका है। प्रदेश में मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर भरी गई फसल के ब्योरे के आधार पर खरीद हो रही है। कुछ जिलों में खरीद को लेकर पेंच फंसा हुआ है। सरकार की ओर से स्पष्ट हिदायत दी गई है कि फिजिकल वेरीफिकेशन में जो फसल सत्यापित होती है, उसी की खरीद की जाएगी। कई स्थानों पर पोर्टल पर दर्ज फसल में गड़बड़झाला सामने आया है।
नौ जिलों में 50 फीसद से कम पंजीकरण
प्रदेश में रोहतक व सोनीपत मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराने में पूरी तरह पिछड़े हुए हैं। इन जिलों में महज 22 से 25 फीसद तक ही बोई गई फसल का पंजीकरण दर्ज हो पाया है। यदि जिलेवार आंकड़ों की बात की जाए तो सोनीपत में सबसे कम 22.4 फीसद तो रोहतक में 25.2, फरीदाबाद में 37 फीसद और झज्जर में 39 फीसद ही पंजीकरण हो पाया है। भिवानी, जींद, हिसार, पानीपत व गुरुग्राम में पंजीकरण का आंकड़ा 40 से 50 फीसद के बीच में अटका हुआ है।
जिला पंजीकरण क्षेत्र (फीसद में)
कुरुक्षेत्र -97.7
करनाल -85.2
यमुनानगर -81.7
अंबाला -80.9
कैथल -74.7
महेंद्रगढ़ -72.1
पंचकूला -66.4
फतेहाबाद -64.7
रेवाड़ी -63.3
पलवल -62.1
चरखी दादरी -85.1
सिरसा -54.7
मेवात -54.4
भिवानी -49.7
जींद -45.6
हिसार -43.03
पानीपत -40.9
गुरुग्राम -40.8
झज्जर -39.2
फरीदाबाद -37.0
रोहतक -25.2
सोनीपत -22.4
(नोट : पंजीकरण का ब्योरा फीसद में है।)