किसानों को नहीं मिल रहा मेहनत का फल, धान की 1121 किस्म के मिल रहे 2200 रुपये, 3000 रेट
किसानों का कहना है कि कम रेट मिलने के कारण इस बार काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। 1509 के बाद अब 1121 के रेट कम मिलने के कारण उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इस रेट में तो किसानों की लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है।
जेएनएन, कैथल : जिलेभर की मंडियों में इस बार धान की हो रही बेकद्री से किसान मायूस हैं। 1509 व पीआर के बाद अब 1121 किस्म की धान के भी रेट कम मिलने से किसानों में रोष है। जहां मंडियों में पिछले सीजन में 1121 किस्म की धान 2800 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकी थी, वहीं इस बार इसकी कीमत 2800 से 2200 रुपये रह गई है।
कैथल की नई अनाज मंडी में 1121 धान लेकर पहुंचे किसान राजेंद्र, रणधीर व सुखदेव ने बताया कि इस सीजन में धान की हो रही बेकद्री से किसान नाराज है। किसानों का कहना है कि कम रेट मिलने के कारण इस बार काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। 1509 के बाद अब 1121 के रेट कम मिलने के कारण उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इस रेट में तो किसानों की लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में बचत तो कहां मिलनी थी। किसानों ने कहा कि मंडियों में धान के सीजन में किसानों को लूटने का काम किया जा रहा है।
रेट कम मिलने से किसान नाराज
अनाज मंडी में धान 1121 धान पहुचनी शुरू हो गई है। धान के कम रेट मिलने से किसानों में मायूसी छाई हुई है। खरीदारों ने 2200 रुपये तक बोली लगाई। मजबूरी में 2200 रुपये प्रति क्विंटल धान को बेचना पड़ा। क्योंकि मंडी में सुबह से साय तक धान के खरीदार बहुत कम नजर आए।
दूसरा विकल्प भी नहीं
किसानों का कहना है कि उनके पास अपने धान को मंडियों में औने-पौने दामों पर बेचने के सिवा कोई विकल्प भी नहीं है। इस किस्म के धान को सरकार भी खरीदना नहीं चाहती। महंगे दामों पर ठेके पर खेत लेने के बाद इतना कम भाव मिलना उनके लिए चिंता का विषय है। जो धान गत वर्ष 2800 से लेकर 3200 रुपये तक बिका उसी धान को अबकी बार खरीदार कम रेट पर खरीदकर मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में हैं। जबकि किसानों को इससे बड़ा घाटा सहन करना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि 1121 किस्म की धान की कम से कम 4000 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित कर।