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कैथल अनाज मंडी में किसानों ने जमकर काटा हंगामा, अधिकारियों में मचा हड़कंप

कैथल की अनाज मंडी में किसानों ने प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने गेहूं में ज्यादा नमी बताते हुए रिजेक्ट कर दिया। इससे किसान भड़क गए। मंडी में ही धरने पर बैठ गए। कहा कि अधिकारियों की ओर से 12.2 फीसदी नमी वाली गेहूं की भी खरीद नहीं की जा रही।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 04:33 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 04:33 PM (IST)
कैथल अनाज मंडी में किसानों ने जमकर काटा हंगामा,  अधिकारियों में मचा हड़कंप
कैथल अनाज मंडी में किसानों के प्रदर्शन के बाद गेहूं की ढेरियों पर नमी जांच करते अधिकारी।

कैथल, जेएनएन। कैथल में गेहूं की खरीद न होने से खफा किसानों ने जमकर हंगामा किया। किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि वे पांच दिन से अनाज मंडी में गेहूं बेचने के लिए आए हुए हैं। लेकिन, अधिकारियों की ओर से जानबूझकर नमी चेक नहीं की जा रही है।

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किसानों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मार्केट कमेटी के सचिव रोशन लाल व खाद्य आपूर्ति अधिकारी सोमनाथ सिंह ढेरियों पर पहुंचे। गेहूं की नमी को चेक किया। इसमें से ज्यादातर ढेरियों को नमी की मात्रा 12 फीसदी से अधिक बताकर रिजेक्ट कर दिया। इससे किसान और भड़क गए। विरोध में किसानों ने ढेरियों पर बवाल काटा और किसान अधिकारियों को 12.2 फीसदी गेहूं की ढेरियां दिखाकर बोले, क्या ये ढेरियां फेल हैं। औपचारिकता पूरी करने के लिए अधिकारी ढेरियों पर न आएं।

किसानों ने कहा कि एक तरफ सरकार की ओर से हर बार किसानों को बेहतर सुविधा देकर फसलों के उचित दाम देने के झूठे वादे किए जाते हैंं, जोकि धरातल पर खोखले साबित होते है। इससे किसानों को परेशान हो चुकी हैंं। परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है।

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12. 2 फीसद नमी वाली गेहूं की भी नहीं हो रही खरीद: किसान

किसान चंद्रभान नेन, कृष्ण बाबा लदाना, महीपाल प्यौदा ने बताया कि वे अपना सारा काम काज छोड़कर पिछले कई दिनों से अनाज मंडी में बैठे हैं, लेकिन प्रशासन के अधिकारियों की ओर से पहले उनकी फसल खरीदनी तो दूर की बात, उनकी फसलों की नमी भी चेक नहीं की जा रही थी। अब विरोध प्रदर्शन के बाद अधिकारी नमी जांचने के लिए पहुंचे हैं। अधिकारियों की ओर से 12.2 फीसदी नमी वाली गेहूं की भी खरीद नहीं की जा रही। किसानों कई बार दिन में गेहूं को पलट चुका है, लेकिन मशीन हर बार अलग- अलग नमी बताकर रिजेक्ट कर रही है। किसान दुखी हो गया है।

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1975 रुपये है फसल का निर्धारित मूल्य

गेहूं की फसल का रेट इस वर्ष 1975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसके लिए सरकार ने 12 फीसदी गेहूं में नमी जरूरी की हुई है। पिछले वर्ष 14 फीसदी नमी वाली गेहूं को भी खरीदा गया था। किसानों ने 15 फीसदी नमी तक छूट देने की मांग की है। किसानों का कहना है कि ताकि किसान समय पर अपनी फसल की खरीद करवा सकें।

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12 फीसद नमी वाली गेहूं खरीद के निर्देश

मार्केट कमेटी सचिव रोशन लाल ने बताया कि 12 फीसद तक की नमी वाली गेहूं खरीदने के निर्देश हैं। पिछले साल 14 फीसद नमी तक भी खरीद हो रही थी। इन ढेरियों में नमी ज्यादा है। 12 फीसद नमी वाली ढेरियों को खरीदा जा रहा है। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। किसान नमी की मात्रा 12 फीसद दिखाकर बगैर शेड्यूल के भी गेहूं बेच सकता है। इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। किसान का गेट पास ढेरियों पर ही काट दिया जाएगा। परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।

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