किसान के बेटे ने यूपीएससी परीक्षा में पाया तीसरा स्थान, बने असिस्टेंट प्रोफेसर
मन में कुछ करने की चाहत हो तो व्यक्ति कुछ भी कर सकता है। इसी मंत्र के साथ कड़ी मेहनत के बल पर यमुना नदी की तलहटी में बसे छोटे से गांव रिसपुर गांव के चमकते सितारे राधेश्याम शर्मा ने किया।
संवाद सहयोगी, सनौली(पानीपत): मन में कुछ करने की चाहत हो तो व्यक्ति कुछ भी कर सकता है। इसी मंत्र के साथ कड़ी मेहनत के बल पर यमुना नदी की तलहटी में बसे छोटे से गांव रिसपुर गांव के चमकते सितारे राधेश्याम शर्मा ने किया। उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर यूपीएससी की परीक्षा में तीसरा रैंक प्राप्त किया है। उनका चयन असिस्टेंट प्रोफेसर अंग्रेजी विषय के पद चंडीगढ में हुआ है।
रिसपुर गांव निवासी किसान रामधन शर्मा के लाडले राधे श्याम शर्मा का यूपीएससी की ऑल इंडिया लेवल पर परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर परिवार और गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है। राधेश्याम ने बताया कि वह शिक्षा विभाग दिल्ली में उत्तरी जिला के जिला कोर्डिनेटर भी रह चुके हैं। वर्तमान में वे शिक्षा निदेशालय दिल्ली में अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 12वीं कक्षा राजकीय स्कूल सनौली खुर्द और बीए की पढ़ाई आर्य पीजी कॉलेज पानीपत से की है। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एमए, एमफिल की। बीएड स्पेशल, एमएड स्पेशल व डिप्लोमा इन रीजनिग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से किया है। राधेश्याम शर्मा ने बताया कि अंग्रेजी विषय में 2012 नेट और जेआरएफ करके पूरे गांव का नाम रोशन किया था। फिर एजुकेशन विषय में नेट की परीक्षा पास कर लोहा मनवाया। वर्तमान में अंग्रेजी विषय में पीएचडी की पढ़ाई कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कर रहा है।
माता-पिता बोले-बेटे ने किया नाम रोशन
राधेश्याम शर्मा के माता-पिता का कहना है कि उन्हें अपने पुत्र पर बहुत ही नाज है। उनकी पत्नी मोनालिसा शर्मा ने बताया कि उन्हें शुरू से ही पता था कि वे एक दिन सफलता के शिखर पर जरूर पहुंचेंगे। राधेश्याम शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत और परिजनों के सहयोग को दिया है।
ऑल इंडिया लेवल में पांच पद थे
राधेश्याम शर्मा ने बताया कि यूपीएससी ने ऑल इंडिया लेवल पर पांच पदों के लिए लिखित परीक्षा व साक्षात्कार लिया था जिसमें उसने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।