Farmer Protest: करनाल बसताड़ा टोल प्लाजा पर डटे है किसान, 11 महीने से फ्री चल रहा टोल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानून वापस लेने के बाद किसान पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है। बसताड़ा टोल प्लाजा पर घोषणा के दूसरे दिन भी आंदोलनकारी किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। टोल प्लाजा पर चल रहे धरना स्थल पर किसानो की अच्छी खासी संख्या देखने को मिली।
घरौंडा (करनाल), जागरण संवाददाता। भले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी हो, लेकिन आंदोलनकारी किसान अपना धरना समाप्त करने को तैयार नहीं है। धरने पर डटे किसानों की वजह से बसताड़ा टोल प्लाजा लगभग 11 महीने से फ्री चल रहा है। जिससे टोल को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। टोल प्रबंधन ने टोल खोलने की कोशिश भी की लेकिन किसानों के विरोध के चलते टोल नहीं खोल सके। अधिकारियों की माने तो इस टोल प्लाजा से प्रतिदिन करीब 50 हजार वाहनों का आवागमन होता है और इन वाहनों से प्रतिदिन करीब 60 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा था। लेकिन जब से टोल पर किसानों का धरना शुरू हुआ है, टोल पूरी तरह से बंद पड़ा है। जिसके चलते पिछले कई माह पूर्व टोल पर लगे अनेक कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाना पड़ा। प्रधानमंत्री की ओर से तीनों कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा से टोल दोबारा शुरू होने की आस जगी है, लेकिन जब तक किसानों का धरना टोल पर जारी रहेगा, तब तक टोल शुरू होने की उम्मीद ना के बराबर है।
टोल कंपनी को उठाना पड़ रहा है करोड़ों का नुकसान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानून वापस लेने के बाद भी किसान पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है। बसताड़ा टोल प्लाजा पर घोषणा के दूसरे दिन भी आंदोलनकारी किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। पिछले कई दिनों की अपेक्षा आज टोल प्लाजा पर चल रहे धरना स्थल पर किसानो की अच्छी खासी संख्या देखने को मिली, वहीं रागनी गायकों ने भी रागनियों के माध्यम से समां बांध दिया। हालांकि किसान अपनी इस जीत पर खुश नजर आ रहे है लेकिन अपनी अन्य मांगें पूरी करवाने के लिए डटे हुए है। किसानों का कहना है कि 36 बिरादरी की एकता ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है।
प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद करा दी थी टोल की सफाई
साथ ही किसानों का कहना है कि सरकार ने अभी सभी मांगे पूरी नहीं की है। संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा। किसान नेता जगदीप, हैप्पी व अन्य का कहना है कि सरकार शहीद किसान के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और साथ में मुआवजा दें। किसान नेताओं का कहना है कि किसानों ने प्रदेश व दूसरे प्रदेशों में अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए हैं। जिससे सरकार ने 75 हजार किसानों पर मुकदमे दर्ज किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार दर्ज हुए सभी मुकदमों को वापिस ले। सरकार ने अभी तक एमएसपी गारंटी कानून पर किसी प्रकार का फैसला नहीं लिया है। सरकार ने किसानों के हित में एमएसपी गारंटी क़ानून की मांग को भी जल्दी पूरा करना चाहिए।
टोल प्रबंधक भानू प्रताप के अनुसार
पीएम नरेंद्र मोदी घोषणा के बाद टोल की साफ-सफाई करवाई गई थी। उम्मीद थी कि टोल अब खुल जाएगा लेकिन किसानों ने विरोध कर दिया है। अब टोल उच्चाधिकारियों के आगामी आदेशों के बाद ही खोला जाएगा।