प्लॉट बेचकर पिता ने खरीदे बेटी के ख्वाब, फिर पदक जीत छा गई Khelo India Youth Games में
बराना गांव की अंजलि चौधरी ने खेलो इंडिया के 25 मीटर पिस्टल इवेंट में स्वर्ण जीता। पदक को बेटी ने किसान पिता महावीर सिंह समर्पित किया।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। किसान पिता ने खेत बेचकर बेटी अंजलि को शूटिंग के लिए पिस्टल दिलाई। अंजलि ने उसी पिस्टल से गुवाहाटी में चल रही खेलो इंडिया प्रतियोगिता के तहत 25 मीटर स्पोट््र्स पिस्टल इवेंट में स्वर्ण पदक पर निशाना लगाकर पिता का मान बढ़ाया है। अंजलि ने मेडल अपने पिता महावीर सिंह को समर्पित किया।
अंजलि के इस मुकाम तक पहुंचने के पीछे एक लंबी कहानी है। महावीर सिंह ने बताया कि जब बेटी छोटी थी तब दौड़ लगाने जाती थी, उस समय लोग ताने मारे थे। कहते कि खेल में कुछ नहीं रखा, बेटी को बाहर अकेले भेजने पर भी मना करते। मगर मैंने उसकी परवाह नहीं की और बेटी का हौसला कम नहीं होने दिया। वर्ष 2015 में अंजलि ने शॉटपुट में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद से उसकी इच्छा और मजबूत हो गई। मगर पैर में चोट के कारण रॉड डलवानी पड़ी। इसके बाद जब बेटी दौड़ लगाने जाती तो वह भी उसके साथ बाइक से छह किलोमीटर जाता था और बेटी दौड़ती थी।
पिस्टल दिलाने के लिए पैसे तक नहीं थे
अक्टूबर 2015 में बेटी ने शूटर बनने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद 2016 में स्टेट में स्वर्ण और स्कूल नेशनल में रजत पदक जीता। महावीर ने बताया कि शूटिंग की ट्रेनिंग के लिए पिस्टल और अन्य उपकरण दिलाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। जमीन भी सिर्फ दो एकड़ थी। बेटी के अरमानों को उड़ान देने के लिए उसने अपना प्लॉट आठ लाख रुपये में बेच दिया। इससे 10 मीटर शूटिंग के लिए ढाई लाख और 25 मीटर के लिए डेढ़ लाख रुपये की पिस्टल मंगाई। डेढ़ लाख रुपये की गोलियां खरीदी। बेटी ने भी उनके सपनों को साकार करने के लिए कड़ा अभ्यास किया औरपदकों झड़ी लगा दी। 15 जनवरी को बेटी का 18वां जन्म दिन था। बेटी ने पदक जीतकर मानो उसे ही जन्मदिन का तोहफा दे दिया हो।
किराये पर घर लिया तो लोग बोले- बेटी के लिए घर बर्बाद करोगे, सफल हुई तो मिली बधाई
महावीर शूटिंग ने बताया कि नजदीक में अच्छी शूटिंग रेंज नहीं थी। इसलिए 2018 में फरीदाबाद में किराये पर कमरा लेकर बेटी के साथ रहा। लोगों ने तब भी टोका कि बेटी के लिए घर को बर्बाद करोगे। मगर उसने परवाह नहीं की। पत्नी सुमन ने भी काफी साथ दिया। बेटी को फरीदाबाद करणी शूटिंग रेंज में अभ्यास कराया। अब जब बेटी कामयाब हो गई है तो वही लोग बधाई देते हैं। इससे अच्छा लगता है।
ओलंपिक में पदक जीतना है लक्ष्य
अंजलि चौधरी ने बताया कि 2019 में उसका खेलो इंडिया के तहत फरीदाबाद स्थित मानव रचना यूनिवर्सिटी की शूटिंग रेंज में चयन हुआ था। वह सुबह 4:30 बजे उठती है। एक घंटा योग करने के बाद तीन घंटे अभ्यास करती है। आधा घंटा लंच के बाद फिर से तीन घंटे अभ्यास करती है। शाम को दो घंटे जिम जाती है। उसका लक्ष्य ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है।
- अंजलि की उपलब्धियां
- 2016 और 2017 में स्कूल नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में रजत पदक।
- 2018 और 2019 में खेलो इंडिया में शूटिंग प्रतियोगिता में रजत पदक।
- 2019 में नेशनल शूटिंग प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक।
- 2019 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में रजत और कांस्य पदक।