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किसानों को 80 फीसद अनुदान पर ढेंचा का बीज, हरी खाद से सुधरेगी खेत की सेहत

पैडी सीजन शुरू होने से पहले खाली खेतों में मूंग व ढेंचा बिजाई करते हैं ताकि खेतों की स्थिति में सुधार हो।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 06:05 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 06:05 AM (IST)
किसानों को 80 फीसद अनुदान पर ढेंचा का बीज, हरी खाद से सुधरेगी खेत की सेहत
किसानों को 80 फीसद अनुदान पर ढेंचा का बीज, हरी खाद से सुधरेगी खेत की सेहत

जागरण संवाददाता, पानीपत : पैडी सीजन शुरू होने से पहले खाली खेतों में मूंग व ढेंचा बिजाई करने की जरूरत है। इससे किसानों को मूंग की दाल भले हासिल न हो, लेकिन इस हरी खाद से खेत की सेहत जरूर सुधेरगी। कृषि विशेषज्ञ की सलाह है कि जमीन की सेहत सुधारने के लिए मूंग व ढेंचा की बिजाई करनी जरूरी है। हाल में किसानों को 80 फीसद अनुदान पर ढेंचा की बीज मिल रहा है।

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गौरतलब है कि 1970 के दशक से पहले भरपूर मात्रा में दलहन उत्पादन हुआ करता था। खरीफ सीजन में मूंग, उड़द, ढेंचा, लोबिया। रबी सीजन में मसूर, अरहर व चना बिजाई की जाती थी। इन फसलों की जड़ों में ऐसी गांठ होती है, जिसमें बैक्टीरिया होते हैं। वह वातावरण से नाइट्रोजन को खींचकर जमीन में फिक्स करते हैं। इन फसलों के पौधे को बाद में मिट्टी में मिक्स कर दिया जाता है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। लेकिन चार दशक पहले सिचाई के साधन बढऩे के साथ ही यहां फसल चक्र तब्दील हो गया। उच्च उत्पादकता वाली किस्मों के प्रचलन से किसानों ने जमीन पर दबाव बढ़ाया और दलहन से विमुख होते गए। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि दालों की घरेलू पूर्ति और जमीन की ताकत बढ़ाने के लिए दलहनी फसलों की बिजाई अवश्य है। सामान्य भूमि में 10-12 किलो बीज तथा कल्लर भूमि में 20 किलो बीज प्रति एकड़ की दर से डालें। बीज को ज्यादा व जल्दी जमाव के लिए रातभर पानी में भिगोकर बोना चाहिए। ऐसे जमीन में मिलाएं

कृषि वैज्ञानिक की मानें तो 45-50 दिन अधिक फैलाव व नरम अवस्था में जुताई करके खेत में मिला देना चाहिए। फसल पलटते समय नमी कम हो तो खेत में पानी लगाएं। इससे फसल जल्दी गल-सड़कर खाद में बदल जाती है। धान की रोपाई अगले दिन भी कर सकते हैं, परंतु अन्य फसलों की बिजाई हरी खाद दबाने के 20-25 दिन बाद करें।

ऐसे बढ़ती है उवर्रक शक्ति

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. वीरेंद्र आर्य के मुताबिक ढेंचा फसल कम लागत में अच्छी हरी खाद का काम करती है। इससे 22-30 किलो नाइट्रोजन प्रति एकड़ मिल जाती है। हरी खाद से भूमि में कार्बनिक पदार्थ बढ़ने से भूमि व जल संरक्षण तथा संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिलने से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ जाती है। जिले में होगा 22 क्विटल बीज वितरित

उपनिदेशक डा. वीरेंद्र आर्य ने बताया कि सरकार हर बार किसानों को अनुदान पर मूंग व ढेंचा का बीज उपलब्ध कराती है। इस बार जिले के किसानों को 22 क्विटल ढेंचा का बीज वितरित किया जाएगा। 12 क्विटल बीज आ चुका है। किसान कोई भी आइडी प्रूफ देकर हरियाणा बीज विकास निगम की दुकान से बीज ले सकते हैं। एक को अधिकतम पांच एकड़ का बीज मिलेगा। उन्होंने बताया कि किसान को केवल 20 फीसद राशि देनी होगी, बाकी 80 फीसद का भुगतान सरकार करेगी।


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