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करनाल में परिवार ने पूरी की राम मंदिर के लिए व्यक्ति की अंतिम इच्छा, मरणोपरांत दिया निधि दान

करनाल के समाजसेवी राम मंदिर निर्माण में योगदान देना चाहते थे। लेकिन इसी बीच कुछ रोज पूर्व हुआ उनका निधन हो गया। ऐसे में परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी रस्म क्रिया में समर्पण निधि भेंट की।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:30 AM (IST)
करनाल में परिवार ने पूरी की राम मंदिर के लिए व्यक्ति की अंतिम इच्छा, मरणोपरांत दिया निधि दान
करनाल में दो लाख 70 हजार परिवारों ने दो करोड़ रुपये से अधिक की निधि समर्पित की है।

करनाल [पवन शर्मा]। तन समर्पित, मन भी समर्पित...। जी हां, कुछ इसी भावना के साथ अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दानवीर कर्ण की नगरी करनाल के बाशिंदे नित नए प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इसी क्रम में अब शहर के प्रतिष्ठित लाठर परिवार के सुखबीर लाठर के स्वजनों ने हाल में उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप रस्म क्रिया के दौरान निधि समर्पित की। सुखबीर का कुछ रोज पहले निधन हो गया था। श्रीराम में अगाध आस्था रखते हुए वह इस पुनीत यज्ञ में आहुति देना चाहते थे। लिहाजा, देहांत के बाद स्वजनों ने यह कार्य पूरा किया। वहीं, इसी के साथ एक माह तक चले अभियान की निर्धारित अवधि भी पूरी हो गई। इसके तहत, करनाल में दो लाख 70 हजार परिवारों ने दो करोड़ रुपये से अधिक की निधि समर्पित की। 

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विश्व हिंदू परिषद की ओर से संचालित समर्पण निधि अभियान में करनालवासियों ने पूरे श्रद्धाभाव के साथ अनवरत भागीदारी की। हर धर्म, वर्ग और जाति के लोगों ने अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की परिकल्पना साकार करने के लिए यथासंभव योगदान दिया। अभियान के जिला संयोजक नीरज गोयल ने बताया कि अंतिम चरण में अभियान को सार्थक मोड़ देते हुए शहर के प्रतिष्ठित लाठर परिवार ने अलग मिसाल पेश की। परिवार के वरिष्ठ सदस्य सुखबीर लाठर का गत दिनों लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था। धार्मिक प्रवृत्ति के सुखबीर की प्रभु श्रीराम में अनन्य आस्था थी। वह श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए स्वयं तो कृतसंकल्प थे ही, दूसरों को भी समर्पण निधि अभियान में पूरे उत्साह के साथ योगदान के लिए प्रेरित करते थे। लेकिन इसी बीच गत 18 फरवरी को उनका देहांत हो गया। ऐसे में लाठर परिवार ने उनकी भावना का सम्मान करते हुए विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों से संपर्क किया। 

स्वर्गीय सुखबीर लाठर के भतीजे भूपिंद्र लाठर ने बताया कि अभियान में लगे आकाश भट्ट से वार्ता हुई और फिर उनके चाचा की रस्म क्रिया के दौरान ही परिवार ने प्रभु श्रीराम के चरणों में अपनी निधि समर्पित की। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुरुक्षेत्र विभाग के सह संघचालक सुधीर कुमार भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। 

लाखों परिवारों ने की भागीदारी

निधि समर्पण अभियान के जिला संयोजक नीरज गोयल ने बताया कि 26 फऱवरी तक जिले के दो लाख 70 हजार परिवारों से सम्पर्क किया गया। दो करोड़ रुपये से अधिक समर्पण निधि एकत्र की गई। अंतिम चरण में सद्भावना अस्पताल के डा. सुरेश कुमार और स्वजनों में वंदना, तुष्टि और ईशानवी ने निधि समर्पित की तो पंचकूला से पहले ही निधि समर्पित कर चुके हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य अमरनाथ सौदा ने करनाल में भी विशेष रूप से योगदान किया। लोगों के मन में श्रीराम के प्रति अटूट आस्था और विश्वास का ऐसा भाव उन्होंने कभी नहीं देखा। समस्त समाज के लोग श्रीराम मंदिर के प्रति क्षमता से अधिक देने को लालायित दिखे। 

प्रस्तुत किया प्रेरक उदाहरण 

अभियान के जिला पालक व पंजाब नेशनल बैंक से सेवानिवृत्त सतीश चावला कहते हैं कि समस्त समाज ने श्रीराम मंदिर का स्वप्न साकार करने से जुड़े इस महायज्ञ में पूर्ण समर्पण भाव से आहुतियां दी हैं। लाठर परिवार की ओर से प्रस्तुत उदाहरण निस्संदेह अनुकरणीय है। हरियाणा ही नहीं, पूरे देश में ही ऐसे गिनती के उदाहरण सामने आए हैं। इससे सबको रामकाज की प्रेरणा मिलेगी। अभियान से जुड़े आकाश भट्ट, रजनीश उप्पल, राकेश शर्मा, नागेन्द्र सिंह, दीपक वोहरा, शुभम सहगल ने भी इसे प्रेरक प्रसंग बताया।

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