नकली रेमडेसिविर के धंधे पर वार, अंबाला पुलिस ने हिमाचल के नालागढ़ में सील की फैक्ट्री
नकली रेमडेसिविर के धंधे पर अंबाला पुलिस ने वार किया है। हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में फैक्ट्री सील की है। जेक्शनों की सप्लाई करने वाले 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मुख्य आरोपित फैक्ट्री का मालिक दिलप्रीत सिंह है।
अंबाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री को अंबाला पुलिस ने सील कर दिया है। पुलिस अब तक मामले में 673 इंजेक्शन और पांच कार, लैपटॉप, कंप्यूटर, पासपोर्ट व चेकबुक बरामदी कर चुकी है। पुलिस ने फैक्ट्री को सील करने के बाद हिमाचल पुलिस की गार्द को वहां लगाया है।
उधर, इंजेक्शनों की सप्लाई करने वाले 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मुख्य आरोपित फैक्ट्री का मालिक दिलप्रीत सिंह है जो मूलरूप से पंजाब के एसएस नगर का रहने वाला है। जो काफी समय से इस फैक्ट्री को गुप्त तरीके से चला रहा था। दरअसल, जब कोरोना के केस बढ़ रहे थे तब रेमडेसिविर इंजेक्शनों की काफी आवश्यकता थी। इसी का फायदा उठाते हुए दिलप्रीत सिंह ने नकली रेमडेसिविर फैक्ट्री लगाने की सोची। यहीं नहीं इसके लिए सप्लायर भी खड़े कर दिए। मगर कोरोना के बढ़ते केसों के चलते अंबाला में नाइट कर्फ्यू लग रहा था। इसी दौरान पुलिस को यमुनानगर जगाधरी के गांव जड़ोदा निवासी गौरव को 24 रेमडेसिविर इंजेक्शन व तीस हजार रुपये की नकदी के साथ दबोचा था।
इस तरह फैक्ट्री तक पहुंची पुलिस
दरअसल, पांच दिन के रिमांड पर लेने के बाद गौरव ने कुरुक्षेत्र के गांव राम शरण माजरा निवासी प्रदीप कुमार का नाम उगला था। 14 मई को पुलिस ने गौरव को साथ लेकर प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया था। उससे 399 रेमडेसिविर इंजेक्शन बिना लेवल के व 50 हजार रुपए की नकदी एवं ऑल्टो कार, एक लैपटाॅप, एक कंप्यूटर, एक पासपोर्ट, एक चेकबुक बरामद किए थे। आरोपित प्रदीप को भी पांच दिन के रिमांड लेने के बाद पूछताछ में अंबाला छावनी के रणजीत सक्सेना के नाम का खुलासा किया था। 15 मई को आरोपित रणजीत सक्सेना को गिरफ्तार कर दो दिन के रिमांड पर लिया गया। पूछताछ में रणजीत ने नारायणगढ़ की न्यू दुर्गा कालोनी निवासी मनोज का नाम उजागर किया था। 17 मई को मनोज को भी गिरफ्तार कर मौके से 20 हजार रुपये बरामद किए थे।
23 मई को पंजाब से काबू किया फैक्ट्री मालिक
पूछताछ में आरोपित मनोज ने कबूला उसने 500 इंजेक्शन फैक्ट्री के मालिक दिलप्रीत से खरीदे थे। इसके बाद यमुनानगर की महाबीर कालोनी जैन चक्की निवासी पवन बत्रा व गांव मुसंबली निवासी गोपाल को गिरफ्तार किया। तब पवन बत्रा ने कबूला था कि उसने गौरव व प्रदीप कुमार से 200 इंजेक्शन खरीदे थे। इसके बाद गोपाल को गिरफ्तार किया गया तब उसने पूछताछ में बताया कि 400 रुपए प्रति इंजेक्शन की कमीशन लेने के लिए पवन बत्रा को प्रदीप से 200 इंजेक्शन दिलवाए थे। इस तरह चेन बनने के बाद पुलिस 23 मई को फैक्ट्री मालिक दिलप्रीत सिंह तक पहुंची जिसे पंजाब से गिरफ्तार किया गया।
पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें