Karnal: कई राज्यों में सरकारी वेबसाइट हैक, जारी कर दिए 800 से अधिक फर्जी जन्म एंव मृत्यु प्रमाणपत्र
करनाल में स्थित साइबर थाना टीम तब सक्रिय हुई जब 27 जुलाई को जिला सिविल अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी की ओर से एक दिन पहले विभाग की वेबसाइट कर लिए जाने व फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत दी गई।
जागरण संवाददाता, करनाल। जल्द अमीर बनने की चाह में बिहार के रहने वाले दो सगे भाईयों ने विभिन्न प्रदेशों की सरकारी वेबसाइट में ही सेंध लगा दी। वेबसाइट हैक करके बिहार व हरियाणा के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में 800 फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए। इनकी एवज में मनमानी राशि प्रमाणपत्र धारकों से वसूल की गई। दोनों आरोपित साइबर थाना पुलिस ने काबू कर लिए हैं। पूछताछ के बाद उन्हें अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जबकि उनके साथ गिरोह में काम करने वाले अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है। महज बारहवीं तक पढ़े इन भाईयों की करतूत देख पुलिस हैरान है। आरोपितों ने किस प्रदेश में कितने प्रमाण पत्र किन्हें जारी किए, यह पड़ताल टीम कर रही है।
स्वास्थ्य केंद्रों की वेबसाइट हैक कर फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए
रेंज स्तर पर करनाल में स्थित साइबर थाना टीम तब सक्रिय हुई जब 27 जुलाई को जिला सिविल अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी की ओर से एक दिन पहले विभाग की वेबसाइट कर लिए जाने व फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत दी गई। निसिंग, कुंजपुरा सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की वेबसाइट हैक कर फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने के मामले सामने आए थे तो दैनिक जागरण ने भी मामला प्रमुखता से उठाया था। साइबर थाना टीम कड़ियां जोड़ते हुए बिहार पहुंची, जहां जिला समस्तीपुर के गांव बरदौनी बादी वासी दोनों सगे भाई संतोष व मंतोष को उनके घर से ही काबू किया।
आरोपितों के कब्जे से दो लैपटाप, दो मोबाइल, एक सीपीयू व एक एटीएम कार्ड बरामद किया गया। आरोपितों ने पूछताछ में माना कि वे हरियाणा, बिहार, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिमी बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों की वेबसाईट हैक करके करीब 800 फर्जी जन्म एंव मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर चुके हैं।
आरोपित इस तरह करते फर्जीवाड़ा
साइबर थाना एसएचओ कमलदीप राणा के मुताबिक पूछताछ में आरोपितों ने माना कि उन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक वाट्सअप ग्रुप बनाया हुआ था। जैसे ही कोई व्यक्ति जन्म एंव मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिये इनके संपर्क में आता तो वे उसका मैसेज ग्रुप में डाल देते और मध्य प्रदेश का रहने वाला विकास नाम का आरोपित वेबसाईट हैक करके उसका लिंक ग्रुप में भेज देता था। इसके बाद दोनों आरोपित संबंधित राज्य की जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की वेबसाईट खोलकर संबंधित व्यक्ति का फर्जी प्रमाण पत्र खुद हस्ताक्षर कर वाट्सअप के माध्यम से ही भेज देते थे।
प्रमाणपत्र जारी करने की ऐवज में मनचाही राशि वसूलते थे। शातिर आरोपित पेटीएम या अन्य डिजिटल माध्यम से यह राशि अपने खाते में डलवाते थे। फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने की वारदात में संलिप्त मास्टर मांइड आरोपित व अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।