आउटसोर्सिंग पालिसी के तहत लगे चतुर्थ व तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का 31 जुलाई तक बढ़ाया अनुबंध
प्रदेश में राजकीय कालेजों व राज्य केंद्रीय पुस्तकालय अंबाला कैंट में आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट वन के तहत लगे चतुर्थ व तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को लेकर अच्छी खबर है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा शिक्षा सदन सेक्टर-पांच पंचकूला ने उनके अनुबंध को 31 जुलाई तक बढ़ाने का फैसला लिया है।
जागरण संवाददाता, समालखा : प्रदेश में राजकीय कालेजों व राज्य केंद्रीय पुस्तकालय अंबाला कैंट में आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट वन के तहत लगे चतुर्थ व तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को लेकर अच्छी खबर है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा, शिक्षा सदन सेक्टर-पांच पंचकूला ने उनके अनुबंध को 31 जुलाई तक बढ़ाने का फैसला लिया है। निदेशालय ने ये फैसला काम की व्यवस्था को देख लिया है। इससे उक्त कर्मचारियों में खुशी है। पहले 30 जून तक बढ़ाया था अनुबंध
निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा, शिक्षा सदन सेक्टर-पांच पंचकूला के पत्र के मुताबिक जो सर्विस प्रोवाइडर (अनुबंध) पार्ट-वन के तहत चतुर्थ व तृतीय श्रेणी के कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। उनका अनुबंध खत्म हो चुका है या जल्द ही खत्म होने वाला है। उक्त कर्मचारियों का डाटा हरियाणा कौशल रोजगार निगम के पोर्टल पर अपडेट करने के लिए निगम को कारगर करने में समय लग सकता है। उक्त कर्मचारियों का सेवा विस्तार पहले 30 जून तक बढ़ाया गया था। अब लाइब्रेरी काडर में स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए सरकार की आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-वन के तहत ग्रुप सी व ग्रुप डी में कार्यरत कर्मचारियों तथा जो सर्विस प्रोवाइडर (अनुबंध) उक्त कर्मचारियों को सेवाएं दे रहे हैं। उनकी सेवा विस्तार अवधि 31 जुलाई 2022 तक बढ़ाने के आदेश प्रदान किए गए हैं। निदेशक ने साथ ही साफ लिखा है कि आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट वन व टू में सरकार की हिदायतों 28 सितंबर 2021 अनुसार कोई नई नियुक्ति न की जाए। पक्के कर्मचारियों को लिपिक पद पर पदोन्नत करने के लिए मांगे थे केस
सरकार ने चतुर्थ व तृतीय श्रेणी में अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों के अनुबंध को बढ़ाने के साथ इससे पहले कालेजों में पक्के लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी लिपिक के पद पर पदोन्नत करने का फैसला लिया था। इसको लेकर उच्चतर शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी राजकीय कालेजों के प्राचार्यों को पत्र लिख तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति केस बनाकर भेजने के निर्देश दिए थे। जबकि इससे पहले शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति के केस मांगे जा चुके हैं।