किशोरी को बांग्लादेश दूतावास से मिली घर जाने की मंजूरी
शादी और नौकरी का झांसा दे बांग्लादेश से लाकर किशोरी को देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया गया। पुलिस और प्रशासन ने उसे इस दलदल से निकाला और दूतावास से उसे घर जाने की अनुमति दिलाई।
जागरण संवाददाता, पानीपत : शादी और नौकरी का झांसा दे बांग्लादेश से लाकर किशोरी को देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया गया। पुलिस और प्रशासन ने उसे इस दलदल से निकाला और दूतावास से उसे घर जाने की अनुमति दिलाई। किशोरी 23 नवंबर को घर के लिए रवाना होगी। दिल्ली की स्टॉप संस्था के सदस्य एयर सेवा से उसे ढाका एयरपोर्ट छोड़कर आएंगे। वहां की पुलिस की मदद से किशोरी परिजनों तक पहुंचेगी।
इसी वर्ष फरवरी में दिल्ली का संदीप उसे ढाका से लाया था। दो दिन तक दुराचार किया। इसके बाद राहुल दादा को बेच दी। उसने भी दुराचार किया। तीन महीने तक किशोरी को दिल्ली, पानीपत आदि शहरों में दर्जनों लोगों के पास भेजा गया था। 4 मई 2019 को राहुल उसे पानीपत के अजय और मनु को सौंप गया था। चंगुल से छूटकर भागी किशोरी ने तहसील कैंप चौकी पुलिस को व्यथा बताई। बाल कल्याण समिति, पानीपत ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) के अधिकारियों से दिल्ली में मीटिग की थी। विदेश मंत्रालय से भी पत्र व्यवहार किया। दो सितंबर 2019 को ट्रैवल परमिट भी जारी हुआ, लेकिन पानीपत प्रशासन किशेारी को नहीं भेज सका।
बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन एडवोकेट पदमा रानी और सदस्य डॉ. मुकेश आर्य ने पुष्टि करते हुए संयुक्त रूप से बताया कि किशोरी हवाई यात्रा से ढाका जाएगी। किराया खर्च स्टॉप संस्था वहन करेगी। बता दें कि इस मामले में आरोपति राहुल ने चार दिन पहले ही कोर्ट में सरेंडर किया था।