कमीशन में बंट गए बच्चों के झूले
जागरण संवाददाता पानीपत शहर में पार्क घोटाला उजागर होने के बाद भी भ्रष्ट अफसरों और ठ
जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर में पार्क घोटाला उजागर होने के बाद भी भ्रष्ट अफसरों और ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं होने से बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्षद लिखित शिकायत दे चुकी हैं, तब भी कुछ नहीं किया जा रहा। 99 लाख रुपये की पेमेंट ले ली गई और किशनपुरा पार्क में तय वर्क ऑर्डर अनुसार कोई काम नहीं हुआ। वीरान पार्क आंसू बहाते हुए व्यवस्था को कोस रहा है।
कागज में विकास कार्य पूरे दिखाए। अधिकारियों से सांठ-गांठ की। बिल पास करवा लिए। जागरण ने घोटाले का पर्दाफाश किया तो ठेकेदार और अफसर बाद में वार्ड पार्षद से झूले, जिम लगवाने के वादे करने लगा। कोशिश सिर्फ और सिर्फ दोबारा मामला दबाने की रही। अब तक झूले नहीं लगे।
सब ने बांटा कमीशन, अब कामकाज कराना मुश्किल
पार्षद पति अशोक छाबड़ा का कहना है कि घोटाले के वक्त ठेकेदार ने जो कमीशन दिया था, वो नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों ने बांट लिया। अब घोटाला जगजाहिर हुआ तो अधिकारियों ने ठेकेदार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। ठेकेदार ने हाथ खड़े कर दिए तो अधिकारी एक दूसरे पर अंगुलियां उठाने लगे।
20 दिन पहले दी थी वार्ड पार्षद पति ने शिकायत
वार्ड-15 के पार्षद पति अशोक छाबड़ा ने 11 अगस्त को निगमायुक्त सुशील कुमार के अलावा विधायक प्रमोद विज, विधायक महिपाल ढांडा, मेयर अनवीत कौर, प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज और सीएम मनोहर लाल को भी घोटाले की शिकायत भेजी। विधायक प्रमोद विज इस घोटाले बारे पार्षद पति अशोक छाबड़ा से दो बार मीटिग भी कर चुके हैं।
पार्क में नहीं लगा ये सामान
पार्क में आज तक भी ब्रिज लेडर, स्लाइडर, पैरलल बीम, फोग एंड फ्रो, जंगल जिम जैसे लाखों रुपये का सामान नहीं लगा है। पार्क के अंदर और बाहर गंदगी का आलम है। जहां गोहाना रोड ओवरब्रिज की तरफ पार्क के गेट के सामने दो कूड़ेदान रखे हैं, वहीं पार्क के अंदर भी जगह-जगह पर गंदगी के ढ़ेर लगे हुए है। पार्क का रखरखाव नहीं होने के कारण कुछ लोगों ने इसे पशुबाड़ा बना लिया है। अक्सर लोग यहां पशु बांधते हैं, जिस कारण पार्क में घूमने वाले लोगों को परेशानी होती है।