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पानीपत रिफाइनरी की विषैली गैसों से होगी कमाई, बनेगा एथेनॉल, प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति

Panipat Refinery पानीपत रिफाइनरी से निकलने वाली विषैली गैसों से लोगों को मुक्ति मिलेगी। इन गैसों से जैव ईंधन एथेनॉल बनाया जाएगा। प्रति वर्ष 10 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड को वातावरण में घुलने से रोका जा सकेगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 10:37 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 10:37 AM (IST)
पानीपत रिफाइनरी की विषैली गैसों से होगी कमाई, बनेगा एथेनॉल, प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
हरियाणा स्थित पानीपत रिफाइनरी की फाइल फोटो।

पानीपत [रवि धवन]। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) की पानीपत स्थित रिफाइनरी से राहत देने वाली खबर है। रिफाइनरी अब विषैली गैसें नहीं उगलेगी। इन गैसों से जैव ईंधन एथेनॉल बनाया जाएगा। प्रति वर्ष 10 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड को वातावरण में घुलने से रोका जा सकेगा।

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यही नहीं, यहां प्रति वर्ष उत्पादित होने वाला 7.26 करोड़ लीटर जैव ईंधन 18 करोड़ लीटर क्रूड ऑयल का विकल्प बनेगा। प्लांट लगाने का काम शुरू हो गया है। वर्ष भर में यह सक्रिय हो जाएगा। भारत विश्व का पहला देश बनने जा रहा है, जहां किसी रिफाइनरी में प्रदूषण नियंत्रण की ऐसी अत्याधुनिक युक्ति का उपयोग होगा। चीन ने रिफाइनरी में तो नहीं, किंतु स्टील उद्योग में इसे आजमाया है।

रिफाइनरी में क्रूड ऑयल का शोधन कर इससे पेट्रोल, डीजल और इसके बाद पोलिस्टर दाना बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में जो अनुपयोगी गैसें (ऑफ गैस) उत्सर्जित होती हैं, उन्हीं से अब एथेनॉल बनाया जाएगा। भारत ने इस तकनीक का लाइसेंस अमेरिका की लैंजाटेक कंपनी से लिया है। प्लांट की अनुमानित लागत 900 करोड़ रुपये बताई जा रही है। कोरोना के कारण परियोजना में करीब छह महीने का विलंब हुआ है।

अब तक गन्ने के अवशेष, पराली और ऐसे ही अन्य बायोमास से एथेनॉल बनाने का काम होता था, किंतु विषैली गैसों से एथेनॉल बनाने की यह सबसे उन्नत (थर्ड जेनेरेशन, 3जी) तकनीक है। कार्बन डाई ऑक्साइड के अलावा तीन अन्य विषैली गैसों को एथेनॉल बनाने में खपाया जाएगा। 3जी एथेनॉल प्लांट से रोजाना सवा लाख लीटर एथेनॉल बनाने का लक्ष्य है।

इस तकनीक को सरल भाषा में समझाएं तो जिस प्रकार मैदे में खमीर मिलाकर रखने से किण्वन (फर्मेंटेशन) होता है और मैदा फूल जाता है, ठीक उसी प्रकार यहां विशेष सूक्ष्मजीवियों को विषैली गैसों में मिलाकर फर्मेंटेशन से एथेनॉल बनाया जा सकेगा। इसके अलावा, रिफाइनरी में पराली से एथेनॉल बनाने के लिए 2जी प्लांट पर भी तेजी से काम चल रहा है। दोनों प्रोजेक्ट से प्रति वर्ष 7.26 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादित होगा। रिफाइनरी हर वर्ष दो लाख टन पराली भी किसानों से खरीदेगी।


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