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Panipat में एथेनॉल प्लांट मंजूर, हर रोज खपेगी 473 टन पराली

ट्विटर हैंडल पर पर्यावरण मंत्री ने क्लीयरेंस की जानकारी दी। साथ ही 100 किलोलीटर प्रतिदिन एथेनॉल के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 10:07 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 10:07 AM (IST)
Panipat में एथेनॉल प्लांट मंजूर, हर रोज खपेगी 473 टन पराली
Panipat में एथेनॉल प्लांट मंजूर, हर रोज खपेगी 473 टन पराली

पानीपत, [महावीर गोयल]। जिस पराली पर देश की वायु का वातावरण बिगाडऩे की तोहमत लगी है, उसे ठिकाने लगाने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पानीपत रिफाइनरी में पराली से एथेनॉल बनाने के संयंत्र को स्वीकृति दे दी है। 909 करोड़ के प्रोजेक्ट से 2जी एथेनॉल प्लांट का निर्माण होगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने स्वयं अपने ट्विटर हैंडल पर ट््वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, पर्यावरण हितैषी ईंधन के रूप में एथेनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने इस परियोजना को मंजूरी दी है। 

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किसानों की आय होगी दोगुनी

पराली से एथेनॉल बनाने के प्लांट के लगने से पराली जलाने की समस्या तो खत्म होगी ही, किसानों की आय दोगुनी की जा सकेगी। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) ने 100 किलोलीटर प्रतिदिन उत्पादन क्षमता वाले 2जी एथेनॉल संयंत्र से पर्यावरण पर पडऩे वाले संभावित असर की आंकलन रिपोर्ट इस साल जून महीने में मंत्रालय के समक्ष पेश की थी। तब इसकी स्थापना की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। बायोमास आधारित ईंधन के रूप में एथेनॉल के उत्पादन के लिए धान और अन्य कृषि उत्पादों की पराली का इस्तेमाल किया जाएगा। संयंत्र में 100 किलोलीटर एथेनॉल के उत्पादन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन 473 टन पराली की आवश्यकता होगी।

पीआरपीसी पर्यावरण के प्रति सजग : संजय भटनागर 

पानीपत रिफाइनरी एंव पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स के कार्यकारी निदेशक संजय भटनागर ने बताया कि पीआरपीसी पर्यवारण के प्रति सजग है। बीएस 6 परियोजना के अंतर्गत जनवरी 2020 से बीएस-6 मानक पेट्रोल, डीजल का उत्पादन शुरू करने जा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए सेकेंड जेनरेशन, 2 जी एथेनॉल प्लांट लगाया जा रहा है। पराली से एथेनॉल बनेगा। किसानों का पराली जलाना खत्म हो जाएगा। उनको इससे लाभ होगा। देश के 11 प्रांतों में इस तरह का प्लांट लगेगा।

जानिये इस ईंधन के बारे में 

क्या है एथेनॉल 

एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाडिय़ों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। 

ये हैं फायदे

35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है। इसमें 35 फीसदी फीसद ऑक्सीजन होता है। नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है।

सबसे ज्यादा ब्राजील में इस्तेमाल

ब्राजील में 40 फीसद गाडिय़ां पूरी तरह से एथेनॉल पर निर्भर हैं। बाकी गाडिय़ां भी 24 फीसदी एथेनॉल मिला ईंधन उपयोग हो रहा है। दरअसल, वहां भारत से तीन गुना अधिक जमीन है। आबादी बेहद कम। इसके अलावा  स्वीडन और कनाडा में भी एथेनॉल पर गाडिय़ां चल रही हैं। कनाडा में सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है।


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