यमुनानगर में ई-संजीवनी का नहीं हो रहा अधिक प्रयोग, माह में महज 15 मरीज ले रहे सेवा
कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। सर्दी अधिक होने की वजह लोग भी बुखार व खांसी की चपेट में आ रहे हैं। जिससे अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के अधिक फैलने की संभावना बनी हुई है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में अस्पतालों में अधिक भीड़ न हो। इसके लिए सरकार की ओर से ई-संजीवनी सेवा शुरू की गई। जिसके तहत साधारण लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में आने की जरूरत न पड़े और वह घर बैठे ही आनलाइन माध्यम से चिकित्सक से परामर्श लेकर दवाई ले सके। इस समय कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में ई संजीवनी बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके बावजूद इस एप का अधिक प्रयोग नहीं हो रहा है। जिले की बात करें, तो हर माह महज 12 से 15 मरीज ही इस आनलाइन सेवा का लाभ ले रहे हैं।
कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ
कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। सर्दी अधिक होने की वजह लोग भी बुखार व खांसी की चपेट में आ रहे हैं। जिससे अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के अधिक फैलने की संभावना बनी हुई है। इसलिए ई संजीवनी से घर बैठे इलाज का विकल्प सरकार की ओर से दिया गया। इसका उद्देश्य यह था कि मरीज घर बैठे ही डाक्टरों से परामर्श ले सके। जिससे उन्हें अस्पताल में आने की जरूरत न पड़े। यह सेवा पूरी तरह से आनलाइन है। डाक्टर संतुष्टि के साथ मरीज की बात सुनेगा और उसके मोबाइल पर दवाईयां का पर्चा भेजेगा। जिससे वह दवाई लेकर इलाज शुरू कर सकते हैं।
24 घंटे में कभी भी ले सकते हैं परामर्श
ई संजीवनी पोर्टल 24 घंटे के लिए खुला हुआ है। इसमें हर रोज पांच चिकित्सकों की ड्यूटी लग रही है। इतना ही नहीं इस पोर्टल पर किसी भी जिले के चिकित्सक से बीमारी के संबंध में परामर्श लिया जा सकता है। दो चिकित्सक सुबह दस बजे से एक बजे तक और दो चिकित्सक तीन बजे से पांच बजे तक और रात काे एक चिकित्सक की ड्यूटी रहेगी। इसके तहत ई संजीवनी ओपीडी में मरीज चिकित्सक से परामर्श ले सकेगा। दूसरा ई संजीवनी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर यदि कोई मरीज चिकित्सक से परामर्श लेता है, तो यह चिकित्सक आगे अन्य विशेषज्ञ से बात कर उस मरीज का इलाज शुरू कर देगा।
अधिकारी के अनुसार
ई संजीवनी के नोडल अधिकारी डा. पुनीत कालरा का कहना है कि यह काफी अच्छी सेवा है। लगातार लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है। साधारण लक्षणों पर वह घर बैठे ही चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं। इसलिए लोग अधिक से अधिक इस सेवा का फायदा उठाएं। इससे उन्हें अस्पताल में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोगों का समय भी बचेगा।