वर्चुअल तरीके से ईपीएफ के मामलों का झटपट निपटारा, करनाल से शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
अब वर्चुअल हियरिंग से ईपीएफ के मामलों का झटपट निपटारा हो जाएगा। करनाल में पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। रीजन में आठ जिलों के सात हजार नियोक्ता जुड़े। लंबित या पूरी तरह रुके ईपीएफ भुगतान के मामलों की सुनवाई में मिलेगा लाभ।
पानीपत/करनाल, [पवन शर्मा]। भूल जाइए वे दिन, जब कर्मचारी भविष्य निधि से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए लंबे वक्त तक दफ्तरों केे चक्कर काटने पड़ते थे। फिर जरूरी कागजात जमा कराने को लेकर माथापच्ची होती। लॉकडाउन में तो समस्या और बढ़ गई क्योंकि कार्यालय पहुंचना ही मुमकिन नहीं रहा। लिहाजा, अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वर्चुअल हियरिंग की नईनवेली व्यवस्था शुरू की है, जिसमें लंबित या पूरी तरह रुके ईपीएफ भुगतान के मामलों की फौरी सुनवाई की जाएगी। करनाल में इसके पायलट प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है, जिसके तहत कुछ नियोक्ताओं को नोटिस भी भेजे जा चुके हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही अपेक्षित परिणाम सामने आने लगेंगे।
दरअसल, बीते कुछ समय से पूरे देश में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ पर काम का दबाव काफी बढ़ गया है। खासकर, कोरोना काल में ईपीएफ से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं होने से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसे में लंबित मामलों की जल्द सुनवाई के लिए करनाल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की मदद से सुनवाई का प्रावधान है। देश में 70 हजार से अधिक प्रकरण लंबित हैं जबकि करनाल रीजन में आठ जिलों के करीब 7000 नियोक्ता इस सिस्टम से जुड़ेंगे। ईपीएफ निकासी, एकाउंट ट्रांसफर और केवाईसी से जुड़े मामले भी अब ऑनलाइन निस्तारित हो रहे हैं। पूरे देश में चार करोड़ से ज्यादा ईपीएफ खाताधारक हैं।
क्षेत्रीय कार्यालय ने जारी किए नोटिस
करनाल में ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त अमित सिंगला ने बताया कि नौ सितंबर को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बाबत दिशा-निर्देश दिए थे, जिसके बाद एक अक्टूबर को विभाग ने सर्कुलर निकाला। वर्चुअल हियरिंग में फिलहाल दो तरह के मामले शामिल किए गए हैं। इनमें भुगतान लंबित होने या पूरी तरह रुके होने पर पहले नोटिस जारी होंगे। फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल सुनवाई में प्रकरण का निपटारा किया जाएगा। पहले इसके लिए कार्यालय आना अनिवार्य था। अधिकारियों को भी खासा वक्त देना पड़ता था लेकिन अब अपेक्षाकृत काफी कम समय में सुविधाजनक ढंग से ये कार्य हो सकेंगे। इसके लिए क्षेत्रीय कार्यालय ने कुछ नियोक्ताओं को नोटिस भी दिए हैं। वेबिनार के जरिए नॉलेज अपडेट किया जा रहा है।
अब सब कुछ ऑनलाइन
प्रोजेक्ट में करनाल क्षेत्रीय कार्यालय से संबद्ध पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, पानीपत और सोनीपत जिले के नियोक्ताओं को जोड़ा गया है। अंबाला, यमुनानगर, पानीपत व सोनीपत में जिला कार्यालय भी हैं। इनके करीब सात हजार नियोक्ताओं के तीन लाख कर्मियों का ईपीएफ जमा होता है। गूगल मीट, जूम या अन्य माध्यमों पर वेबिनार से उन्हें जरूरी सूचनाएं दी जा रही हैं। 2000 से पहले और मृृत्यु संबंधी मामलों में क्लेम से जुड़े सीमित कार्य ही ऑफलाइन हो रहे हैं। कार्यालय आने पर मशीन से टोकन नंबर मिलता है और वेटिंग एरिया भी है। पूछताछ खिड़की सहित चार बहुउद्देशीय काउंटर संचालित हैं। इनमें क्लेम सेटलमेंट, नाम व खाते में संशोधन, पेंशन, यूएएन, केवाईसी व लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने संबंधित कार्य होते हैं।