दिल्ली में प्रदूषण गुस्सा पानीपत पर क्यों
दिल्ली में प्रदूषण गुस्सा पानीपत पर क्यों
जागरण संवाददाता, पानीपत :
प्रदूषण के चलते उद्योगों को बंद करने पर उद्यमियों ने कड़ा एतराज जताया। उद्यमियों ने कहा कि 26 अक्टूबर से उद्योग बंद हैं। सीजन के दौरान बंद होने से 400 करोड़ से अधिक का नुकसान अकेले निर्यात उद्योग उठा चुका है। प्रदूषण स्तर दिल्ली का खराब होता है। उद्योग पानीपत में बंद किए जा रहे हैं। हम अपने शहर के लिए जिम्मेदारी ले सकते हैं। पानीपत में प्रदूषण स्तर खराब हो, तभी यहां के उद्योगों की बंद किया जाएगा। प्रदूषण के लिए उद्योग जिम्मेदार नहीं है। चिमनियों पर ऑनलाइन डिवाइस लगी है। यदि कोई उद्योग नियमों का पालन नहीं कर रहा तो उसके खिलाफ ही कार्रवाई की जाए। प्रदूषण फैलाने के सही कारकों का पता लगाया जाना चाहिए।
ये विरोध उद्यमियों ने सेक्टर 25 जिमखाना क्लब में आयोजित बैठक में जताया। बैठक में पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिएशन, डायर्स एसोसिएशन, मिक पोलर कंबल एसोसिएशन और ऑल इंडिया स्पिनिग मिलों के उद्यमियों ने भाग लिया।
प्रदूषण के ठीक कारणों का पता लगाएं : सुरेश गुप्ता (फोटो 23)
पानीपत डायर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण को लेकर सरकार की तरह उद्यमी भी चितित हैं। हमने सरकार की हर गाइडलाइन को माना है। फिर उद्योग कैसे प्रदूषण फैला रहे हैं। अन्य सेक्टरों की गाज भी उद्योगों पर डाली जा रही है। कामगारों के साथ सड़क पर आएंगे : भीम राणा (25)
पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने कहा कि उद्योगों को साफ्ट टारगेट माना जा रहा है। उद्योगों को बंद करने से तीन लाख से अधिक कामगार परेशानी में हैं। यही हालात रहे तो सड़कों पर उतरने के लिए उद्यमी और श्रमिक तैयार हैं। अब और अधिक ज्यादती सहन नहीं होगी। कंडम वाहन हटाए जाएं : श्रीभगवान (24ए)
फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री एसोसिएशन के महासचिव श्रीभगवान अग्रवाल ने कहा कि शहर में दिल्ली से आए कंडम वाहनों को हटाए जाए। उद्योगों से प्रदूषण नहीं फैल रहा है।
एनसीआर में होने की सजा मिल रही : प्रीतम (24बी)
रोटर स्पिनर्स मिल के प्रधान सरदार प्रीतम सिंह ने कहा कि मौसम दिल्ली का खराब होता है। गुस्सा पानीपत पर उतारा जा रहा है। हमें एनसीआर में होने की सजा मिल रही है। पानीपत को एनसीआर से बाहर किया जाए। उद्योगों को बंद करने से पहले जानकारी दी जाए। हर्जाना भी दिया जाए।
सिविक प्रॉब्लम को उद्योगों पर मढ़ा जा रहा : नरेश गुप्ता (24)
कंबल व्यवसायी नरेश गुप्ता ने कहा उद्योगों नियम पूरे कर रहे हैं। उन्हें बंद क्यों किया जा रहा है। प्रदूषण सिविक प्रॉब्लम के कारण बढ़ता है। कूड़ा जलाया जाता है। धूल उड़ती रहती है। वाहन प्रदूषण फैला रहे हैं। उद्योगों को सॉफ्ट टारगेट क्यों माना जा रहा है। बार-बार उद्योगों को बंद करना गलत : ग्रोवर
ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के पूर्व प्रधान विनोद ग्रोवर ने कहा कि बार-बार उद्योगों को बंद करना गलत है। हमें फ्यूल बदलने के लिए कहा गया। हमने पैटकोक जलाना बंद कर दिया। फिर उद्योगों के क्यों बंद किया जा रहा है। उद्योग पीएनजी पर लेना है तो वह करने के लिए तैयार है, थोड़ा समय देना चाहिए।
विधायक को दी नुकसान की जानकारी
उद्यमी बैठक के बाद शहरी विधायक प्रमोद विज से उनके कार्यालय में मिले। उन्हें बार-बार उद्योग बंद होने से हो रहे नुकसान की जानकारी दी। विधायक को लिखित ज्ञापन दिया। रविवार को उद्यमी इस मामले मे सांसद से उनके आवास पर मिलेंगे। विधायक ने आश्वासन दिया कि उनका प्रयास रहेगा कि इसके बाद उद्योगों को बंद न किया जाए। डीसी ने कहा- कुछ नहीं कर सकते
विधायक से मिलने के बाद उद्यमियों ने डीसी सुमेधा कटारिया से मुलाकत कर अपनी समस्या रखी। डीसी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई है। प्रशासन कुछ नहीं कर सकता। उद्यमियों ने कहा कि मामला अब ईपीसीए के हाथ में है। सुप्रीम कोर्ट का दखल नहीं है। उद्यमियों की की बात को मुख्य सचिव तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। बैठक में मौजूद रहे
पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल, जगदीश जैन, धनराज बंसल, मुकेश रेवड़ी, अनिल बंसल, संजीव गर्ग और दर्शन चावला मौजूद रहे।