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पानीपत में एक बार फिर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू होगा, बड़े स्‍तर पर हुई बैठक

पानीपत में अतिक्रमण हटाया जाएगा। हुडा के सेक्‍टरों के साथ ही ऊझा रोड से भी अतिक्रमण हटाया जाएगा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने की बैठक हाई कोर्ट में देना है जवाब। इधर प्रशासकीय अधिकारियों की भी बैठक हुई।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 02:50 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 02:50 PM (IST)
पानीपत में एक बार फिर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू होगा, बड़े स्‍तर पर हुई बैठक
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण कार्यालय में हुई बैठक।

पानीपत, जेएनएन - पानीपत में एक बार फिर से अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू होने वाला है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से लेकर डीटीपी तक के अफसरों ने एक घंटे तक बैठक की। बड़े अतिक्रमण हटाने की तैयारी हो गई है। दरअसल, विभागों को हाई कोर्ट में जवाब देना है। 

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डीटीपी ललित जब पानीपत में नियुक्‍त थे, तब बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो रही थी। एक के बाद एक अतिक्रमण हटाए जाने लगे। उनकी टीम जब भीम सचदेवा के यहां कार्रवाई करने पहुंची तो मामला बिगड़ गया। विधायक प्रमोद विज बीच में आ गए। आखिरकार ललित का ट्रांसफर हो गया। अब काफी दिनों के बाद से अतिक्रमण का मामला उठा है। पहले चरण में ज्‍योति कालोनी, संत नगर और ऊझा रोड पर फोकस है। 

तीन विभागों के बीच फंसे सेक्‍टर वाले 

वहीं, डीसी धर्मेंद्र सिंह ने भी कारोबारियों के साथ बैठक की। सेक्‍टर निवासियों और इंडस्‍ट्री चलाने वालों ने डीसी के सामने कहा कि वे तीन विभागों के बीच में फंस गए हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास जाते हैं तो वे कहते हैं कि अब एचएसआइआइडीसी वाले सुनेंगे। क्‍योंकि इंडस्‍ट्री सेक्‍टर अब एचएसआइआइडीसी के हवाले कर दिया गया है। जब एचएसआइआइडीसी के पास जाते हैं तो वे कहते हैं कि अभी कागज पूरे नहीं हुए। नगर निगम वाले काम करेंगे। नगर निगम वाले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अफसरों के पास भेज देते हैं। 

ड्राइंग मांगी, एकबार में सारे काम कराएंगे

एडीसी मनोज कुमार को जब सड़कों, पानी निकासी और अतिक्रमण के बारे में बताया तो उन्‍होंने सभी विभागों से कहा कि अगले सप्‍ताह एक बार फिर बैठक करेंगे। तब तक विभागीय टीमें ड्राइंग बना लें। ड्राइंग के अनुसार काम करेंगे। जहां तक बजट की बात है, उसके बारे में बात करेंगे। सरकार तक प्रोजेक्‍ट पहुंचाएंगे। 

अधूरी सड़कों पर मांगी रिपोर्ट

एडीसी मनोज कुमार ने मौके का मुआयना भी किया। अधूरी सड़क पर कहा कि इसके टेंडर के बारे में पता लगाओ। अगर ठेकेदार ने अधूरी सड़क बनाकर पेमेंट ले ली है तो विभागीय अधिकारी और ठेकेदार, दोनों पर कार्रवाई होगी। अगर टेंडर ही इतने का था तो दोबारा से टेंडर लगाकर सड़क पूरी बनवाई जाएगी।


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