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हरियाणा में यहां नहीं मिल रहे आयुष्‍मान योजना के पात्र, जानिए क्‍यों स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को करनी पड़ रही मशक्‍कत

हरियाणा के यमुनानगर में आयुष्‍मान योजना के पत्र नहीं मिल रहे हैं। पात्रों को खोजने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को मशक्‍कत करनी पड़ रही है। ऐसे में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने फैसला लिया है कि एक माह के लिए आयुष्मान आपके द्वार अभियान चलाया जाएगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 01:50 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 01:50 PM (IST)
हरियाणा में यहां नहीं मिल रहे आयुष्‍मान योजना के पात्र, जानिए क्‍यों स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को करनी पड़ रही मशक्‍कत
आयुष्‍मान योजना के पात्रों के लिए फिर अभियान चलाया जाएगा।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। आयुष्मान के पात्रों को तलाशने के लिए स्वास्थ्य विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। 15 अक्टूबर तक आयुष्मान पखवाड़ा चलाया जा रहा है। एक माह तक चले अभियान में महज साढ़े हजार पात्रों के ही कार्ड बन सके। जबकि विभाग ने पात्रता की सूची में शामिल नौ हजार परिवारों के कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनाने का लक्ष्य रखा था। इन परिवार के भी सभी सदस्यों के कार्ड नहीं बन सके। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब एक बार फिर एक माह तक आयुष्मान आपके द्वार अभियान शुरू करेगा। जिले में चार लाख 24 हजार 50 पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं। इनमें से भी अभी एक लाख 87 हजार पात्रों के ही कार्ड बने हैं।

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स्वास्थ्य विभाग को नौ हजार ऐसे परिवारों की सूची मिली थी। जिसमें पूरे परिवार से केवल एक ही सदस्य का कार्ड बना हुआ था, जबकि इस योजना में शामिल परिवार के सभी सदस्यों का कार्ड बनाया जाता है। विभाग ने लक्ष्य पूरा करने के लिए इन परिवारों के सदस्यों से संपर्क किया और उनके कार्ड बनवाए। हालांकि अभी तक सभी परिवारों के कार्ड नहीं बन सके। इसके साथ ही आयुष्मान पखवाड़ा में ऐसे पात्रों के भी कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिन्हें अभी तक यह नहीं पता लगा कि उनका नाम पात्रता सूची में है। नजदीकी अटल सेवा केंद्र या स्वास्थ्य विभाग की हेल्प डेस्क पर पात्रता का पता लगाया जा सकता है। इसके बाद उन लोगों के भी कार्ड बनाया जा रहा है।

यह है बड़ी दिक्कत

पात्रों के कार्ड न बनने में विभाग के सामने बड़ी दिक्कत यह है कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का चयन किया गया था। वर्ष 2018 में योजना शुरू हुई थी। इतने समय बाद पात्रों के मोबाइल नंबर व पता बदल चुका है। जिस वजह से उन्हें तलाशने में दिक्कत आ रही है। हालांकि इसके लिए विभाग लगातार लेागों से अपील कर रहा है कि वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में बने हेल्प डेस्क पर पात्रता के बारे में पता कर सकते हैं।

आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डा. अश्विनी अलमादी ने बताया कि 15 अक्टूबर तक आयुष्मान पखवाड़ा चलाया जा रहा था। इसमें साढ़े चार हजार पात्रों के गोल्डन कार्ड बने हैं। अभी भी लक्ष्य काफी दूर है। इसलिए एक माह के लिए आगे आयुष्मान आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।


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