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हरियाणा में बढ़ी बिजली खपत, थर्मल की सप्‍लाई महंगी, अदानी की यूनिट भी बंद

हरियाणा में बिजली खपत लगातार बढ़ रही है। इन दिनों हरियाणा में बिजली की खपत दस हजार मेगावाट पहुंच चुकी है। जबकि सप्लाई आधी है। वहीं हरियाणा में बने थर्मल पॉवर प्‍लांट महंगी बिजली बना रहे। अदानी की यूनिट भी बंद है। बिजली आपूर्ति न होने से कट लग रहे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 05:02 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 05:02 PM (IST)
हरियाणा में बढ़ी बिजली खपत, थर्मल की सप्‍लाई महंगी, अदानी की यूनिट भी बंद
हरियाणा में बिजली खपत बढ़ने से कट लग रहे।

पानीपत, [सुनील मराठा]। बढ़ती गर्मी के साथ प्रदेश में बिजली की खपत भी बढ़ गई है। इस समय बिजली खपत का लोड लगभग 10 हजार मेगावाट है। धान की रोपाई के समय लोड लगभग 12 हजार मेगावाट तक पहुंच सकता है। सर्दी में लोड घटकर 3500 से 5000 मेगावाट रह जाता है। अदानी पावर लिमिटेड की 1450-1450 मेगावाट क्षमता की तीन यूनिट से प्रदेश में बिजली आपूर्ति आती है। इनमें से दो यूनिटें बंद हैं।

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अदानी की दो यूनिट बंद होने, मांग बढ़ जाने के कारण ही हरियाणा में बने थर्मल पावर प्लांटों को चलाया गया है। हालांकि हरियाणा के थर्मल प्लांट से बिजली, निजी कंपनियों और दूसरे राज्यों से काफी महंगी पड़ रही है। दावा तो किया जा रहा है कि मांग के अनुपात में आपूर्ति पूरी है, इसके बावजूद इस बार अघोषित कट लग रहे हैं। बीच में आंधी और बारिश के कारण भी खंभे गिरने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी।

अदानी पावर लिमिटेड की सिर्फ एक यूनिट से 650 मेगावाट बिजली आपूर्ति हरियाणा को मिल रही है। बिजली उत्पादन के लिए प्रदेश में यमुनानगर, झज्जर, खेदड़ व पानीपत में थर्मल पावर स्टेशन बनाए गए हैं। इन सभी में बिजली उत्पादन करने में सबसे अधिक खर्च पानीपत थर्मल पावर प्लांट में आ रहा है। इसी वजह से पानीपत थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट को सबसे कम चलाया जाता है। मांग घटने पर सबसे पहले इसे बंद किया जाएगा।

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दक्षिण हरियाणा में ज्यादा मांग

बिजली आपूर्ति के हिसाब से हरियाणा को उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के नाम से दो जोन में बांटा गया है। सबसे ज्यादा 5400 मेगावाट बिजली दक्षिण हरियाणा में जा रही है। उत्तर हरियाणा सर्कल में बिजली खर्च लगभग 3650 मेगावाट है। दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम सर्कल में सबसे अधिक बिजली खर्च लगभग 1265 मेगावाट है। इसके अलावा हिसार सर्कल में लगभग 970 मेगावाट, फरीदाबाद सर्कल में लगभग 855 मेगावाट, भिवानी सर्कल में लगभग 490 मेगावाट, सिरसा सर्कल में लगभग 485 मेगावाट, जींद सर्कल में लगभग 485 मेगावाट, पलवल सर्कल में 310 मेगावाट व रेवाड़ी सर्कल में लगभग 170 मेगावाट बिजली आपूर्ति खर्च हो रही है। सबसे कम करनाल सर्कल में लगभग 180 मेगावाट बिजली की खपत चल रही है।

बिजली उत्पादन प्रति यूनिट रेट

औरैया गैस पावर प्लांट, औरैया (उत्तर प्रदेश) : 2.24 प्रति यूनिट

अदानी पावर लिमिटेड : 2.53 रुपये प्रति

झज्जर पावर लिमिटेड (चाइना लाइट पावर) : 3.31 रुपये

थर्मल पावर प्लांट यमुनानगर : 3.49 रुपये

राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ : 3.62 रुपये

पानीपत थर्मल पावर प्लांट : 3.630 रुपये प्रति यूनिट

बिजली की मांग बढऩे पर याद आए अपने थर्मल, पांच यूनिट से उत्पादन

बिजली की मांग बढ़ते ही हरियाणा के थर्मल पावर प्लांट याद आने लगे हैं। पानीपत में प्लांट की यूनिट नंबर सात और आठ को चला दिया गया है। दोनों से 250-250 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इससे पहले दोनों यूनिट महीनों से बंद थीं। करीब डेढ़ हजार कर्मचारियों के पास बिजली उत्पादन संबंधी कोई काम नहीं था। दरअसल, प्रदेश सरकार निजी कंपनी से बिजली खरीद रही है। अपने प्लांट से बिजली उत्पादन महंगा पड़ता है। अब मांग बढ़ी तो इन प्लांट को भी शुरू किया गया है।

यमुनानगर में 600 मेगावाट उत्पादन

दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में 300-300 मेगावाट की दो यूनिट हैं। दोनों यूनिट छह जून से चल रही हैं। इससे पहले कोरोना वायरस के कारण लगे लाकडाउन में बिजली की मांग न होने के कारण थर्मल प्लांट की एक ही यूनिट चलाई जा रही थी। अब मांग बढऩे से दोनों यूनिटों को शुरू कर दिया गया है। रात को बिजली की खपत कम हो जाती है। इसलिए रात को थर्मल की उत्पादन क्षमता को कम कर दिया जाता है।

हिसार में एक यूनिट से उत्पादन शुरू

खेदड़ पावर प्लांट में 600-600 मेगावाट की दो यूनिट हैं। इनमें से एक यूनिट का उत्पादन चल रहा है। इस यूनिट में 600 मेगावाट बिजली पैदा की जा रही है। दूसरी यूनिट बंद है। मांग बढऩे के कारण पहली यूनिट को ही पूरी क्षमता के कारण चलाया जा रहा है।

झज्जर में तीन यूनिट चल रहीं

झज्जर में एपीसीपीएल की तीन यूनिट हैं। 1500 मेगावाट में पांच सौ मेगावाट की एक यूनिट बंद है। सीएलपी की दो यूनिट हैं, जिसमें 1320 मेगावाट का उत्पादन होता है। दोनों यूनिट अब चल रही हैं।


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