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आर्य कन्या गुरुकुल मोर माजरा की कार्यकारिणी के जल्द होंगे चुनाव

आर्य कन्या गुरुकुल मोर माजरा की कार्यकारिणी का चुनाव जल्द होगा। र्ष 2018 से अब तक विवाद के चलते चुनाव नहीं हो पाए हैं। चुनाव न होने से तीन माह के लिए तदर्थ कमेटी का गठन किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 06:17 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 06:17 PM (IST)
आर्य कन्या गुरुकुल मोर माजरा की कार्यकारिणी के जल्द होंगे चुनाव
आर्य कन्या गुरुकुल मोर माजरा की कार्यकारिणी के जल्द होंगे चुनाव

संवाद सहयोगी, रिफाइनरी-काबड़ी : आर्य कन्या गुरुकुल मोर माजरा की कार्यकारिणी का चुनाव जल्द होगा। र्ष 2018 से अब तक विवाद के चलते चुनाव नहीं हो पाए हैं। चुनाव न होने से तीन माह के लिए तदर्थ कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी जिला रजिस्ट्रार कार्यालय से अपना कार्यकाल बढ़वाती रही। इस दौरान महासभा के कुछ सदस्यों की मांग पर प्रशासक नियुक्त किया गया। प्रशासक के तौर पर अतिरिक्त उपायुक्त करनाल ने आदेश जारी कर चुनावी प्रक्रिया के लिए बल्ला के नायब तहसीलदार शिवकुमार को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त कर चुनाव कराने के निर्देश जारी किए हैं।

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वर्ष 1973 में मोर माजरा गांव में आर्य कन्या गुरुकुल की स्थापना की गई थी। संस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए संवैधानिक कार्यकारिणी का गठन किया गया। संस्था की स्थापना के समय आसपास के गांव कवि, मोर माजरा व धर्मगढ़ ने अपनी जमीन आर्य कन्या गुरुकुल मोर माजरा को दी। गुरुकुल के संविधान में इस बात का उल्लेख किया गया कि भविष्य में कार्यकारिणी के गठन में जमीन उपहार में देने वाले गांव से ही प्रधान व कार्यकारिणी में दो सदस्य चुने जाएंगे।

हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन आफ सोसाइटी एक्ट 2012 के तहत संस्था को दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना पड़ा। गुरुकुल को जमीन उपहार में देने वाले गांव से प्रधान के चुनाव की शर्त को समाप्त कर दिया गया। महासभा के कुछ सदस्यों ने अदालत में चुनौती दी। पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट व स्टेट रजिस्ट्रार ने एक्ट 2012 के अनुसार इसे ओपन कर दिया। भविष्य में होने वाले चुनाव में उपहार में जमीन देने वाले गांव के निवासियों के लिए अब अध्यक्ष और दो कार्यकारी सदस्यों के पद के लिए आरक्षण समाप्त कर दिया गया है।

गुरुकुल में वर्ष 2018 से चुनाव को लेकर चले आ रहे गतिरोध पर विराम लग गया है। महासभा के सदस्य जसवीर ऐचला, अशोक मान, पूर्व सरपंच राजबीर, राजाराम, दिलबाग सिंह ने बताया कि पूर्व प्रधान जगत सिंह मान सहित अन्य सदस्यों के सहयोग से हल निकल पाया है।


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