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पानीपत नगर निगम कार्यालय में प्रापर्टी टैक्स का बिल ठीक कराने के लिए बुजुर्ग काट रहे चक्कर

बिल ठीक करवाने के लिए बुजुर्गो महिलाओं को तीन मंजिल सीढि़यां चढ़नी पड़ रही है। उसके बाद भी उन पर कोई तरस नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 07:14 AM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 07:14 AM (IST)
पानीपत नगर निगम कार्यालय में प्रापर्टी टैक्स का बिल ठीक कराने के लिए बुजुर्ग काट रहे चक्कर
पानीपत नगर निगम कार्यालय में प्रापर्टी टैक्स का बिल ठीक कराने के लिए बुजुर्ग काट रहे चक्कर

जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रापर्टी टैक्स बिल ठीक करवाने के लिए शहर वासी निगम के धक्के खाने पर मजबूर हैं। हाउस की बैठक में मामला गरमाने, आयुक्त के तबादले के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। बिल ठीक करवाने के लिए बुजुर्गो, महिलाओं को तीन मंजिल सीढि़यां चढ़नी पड़ रही है। उसके बाद भी उन पर कोई तरस नहीं है। पीने के पानी से लेकर शौचालय तक सुविधा भी निगम कार्यालय में उपलब्ध नहीं करवा पाया।

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वीरवार को निगम कार्यालय में बिल ठीक करवाने के लिए सुबह से ही लोगों का तांता लग गया। नौ बजे से 11:30 बजे तक बिल भरे गए। इस बाद कार्यालय की लाइट चली गई। 2:30 बजे बिजली आपूर्ति शुरू हुई तो सर्वर गायब हो गया। इस बीच बिल ठीक करवाने आए बुजुर्ग महिलाएं परेशान रही। पीने का पानी तक नहीं

बुजुर्ग मदन लाल गांधी ने बताया कि पहले लाइट न होने के कारण काम हुआ। अब सर्वर डाउन की बात कह रहे हैं। तीन मंजिल आना जाना से ही परेशानी बनी हुई है। पीने का पानी तक नहीं मिला। हम पैसे लिए घूम रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही।

पार्षद व पार्षद पति बिल ठीक करवा रहे

निगम में प्राप्रटी टैक्स बिल ठीक करने व प्रापर्टी आइडी बनाने की प्रक्रिया कठिन होने, आठ अधिकारियों के साइन होने शर्त होने के कारण लोग परेशान हैं। कभी अधिकारी नहीं मिलते, कभी लाइट नहीं होती, कभी सर्वर नहीं होता। वार्ड पार्षद लोगों के तंज से परेशान हो चुके हैं। स्वयं लोगों की फाइल लेकर निगम में बिल ठीक करवाने पहुंच रहे हैं। पार्षद अश्विनी ढींगड़ा ने कहा कि आखिर क्या करें। वार्ड के लोगों को बिल ठीक करवाने के लिए आना पड़ता है।

21 करोड़ 11 लाख की रिकवरी

बिल गलत होने के बावजूद पूरे प्रदेश में सबसे अधिक प्रापर्टी टैक्स रिकवरी पानीपत निगम प्रथम स्थान पर पहुंच गया। अब तक 21 करोड़ 11 लाख 64 हजार 732 रुपये टैक्स इकट्ठा हो चुका है। अकेले मार्च में 1 करोड़ 28 लाख 22 हजार 68 रुपये का टैक्स मिल चुका है।


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