200 बेड का अस्पताल, 100 बेड की मैन पावर
पुरानी बेड संख्या के हिसाब से भी तमाम पद रिक्त चल रहे हैं। इसका खामियाजा चिकित्सकों पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य को वर्क लोड और मरीजों को अव्यवस्था के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : तकरीबन 14 लाख की आबादी पर सिविल अस्पताल की नई बिल्डिग 200 बेड के हिसाब से बनी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक नवंबर 2018 को बिल्डिग का उद्घाटन कर बेड वृद्धि की घोषणा भी कर चुके हैं। चौंकाने वाला पहलू यह कि आठ माह बाद भी अस्पताल प्रशासन को 200 बेड के हिसाब से डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ सहित आउटसोर्सिंग पर कंप्यूटर ऑपरेटर और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भर्ती की अनुमति नहीं मिली है।
गौरतलब है कि सिविल अस्पताल पहले 100 बेड का था। प्रदेश सरकार ने करीब 42 करोड़ की लागत से 200 बेड की नई बिल्डिग बनवाई है। मुख्यमंत्री ने उद्घाटन के समय इस बिल्डिग को जिला वासियों के लिए तोहफा बताकर, बेहतर चिकित्सा व्यवस्था का भरोसा भी दिया था। अस्पताल प्रशासन अक्टूबर 2018 से अब तक तीन बार बेड वृद्धि के हिसाब से कर्मचारियों के हिसाब से भर्ती की अनुमति मांग चुका है। मुख्यालय से अनुमति नहीं मिलने के कारण 100 बेड के लिए स्वीकृत पोस्टों पर नियुक्त डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है।
पुरानी बेड संख्या के हिसाब से भी तमाम पद रिक्त चल रहे हैं। इसका खामियाजा चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य को वर्क लोड और मरीजों को अव्यवस्था के रूप में भुगतना पड़ रहा है। ये है मौजूदा स्थिति :
सिविल अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर (एमओ) की कुल 42 स्वीकृत पोस्ट हैं। ये पोस्ट 100 बेड के हिसाब से हैं। इनमें से करीब 14 एमओ विभिन्न कारणों से लंबे समय से ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। साप्ताहिक अवकाश, कैजुअल लीव, इमरजेंसी लीव, चाइल्ड केयर लीव, वीआइपी ड्यूटी, पोस्टमार्टम ड्यूटी, इमरजेंसी ड्यूटी आदि के कारण चिकित्सकों का घोर अभाव है। 200 बेड के हिसाब से तो 84 डॉक्टर होने चाहिए। पैरामेडिकल स्टाफ के भी अनेक पद रिक्त हैं। सौ बेड की एमसीएच विग भी बनेगी :
सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिग को तोड़कर नए सिरे से 100 बेड की मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) विग भी बननी है। प्रदेश सरकार ने फरवरी 2018 में बजट सत्र के दौरान विग निर्माण की घोषणा की थी। 30 अक्टूबर 2018 को 20 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। पीडब्ल्यूडी के एसडीओ और जेई पैमाइश कर, नक्शा बना चुके हैं। इसका सीधा अर्थ, सिविल अस्पताल में अब 300 बेड के हिसाब से मैन पॉवर मिले तो बात बने। वर्जन :
सिविल सर्जन कार्यालय से 10 अक्टूबर 2018 को महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा को पत्र भेजकर 200 बेड के हिसाब से स्टाफ भर्ती की स्वीकृति मांगी गई थी। दो बार रिमाइंडर भी भेजा गया। लोकसभा चुनाव के लिए लागू हुई आचार संहिता के कारण देरी हुई। अब स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
डॉ. आलोक जैन, एमएस-सिविल अस्पताल