अंडा बाजार को पहले रोना आया..अब राहत के दिन
लॉकडाउन की शुरुआत में अंडे की डिमांड में गिरावट रहने से जो नुकसान कारोबारियों को सहन करना पड़ा। लॉकडाउन में ढील के बाद 40 प्रतिशत तक अंडे की खपत होने व फीड के दाम गिरने से कारोबारियों को राहत मिली है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : लॉकडाउन की शुरुआत में अंडे की मांग इतनी गिरी की कारोबारियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। दरअसल, शुरू में अफवाह थी कि अंडा खाना कोरोना संकट के समय ठीक नहीं। पर अब लोगों को समझ आया कि अंडे में काफी प्रोटीन होते हैं। तो मांग भी निकली है। लॉकडाउन में ढील के बाद 40 प्रतिशत तक अंडे की खपत होने व फीड के दाम गिरने से कारोबारियों को राहत मिली है। घरेलू मांग निकली है। पानीपत से 300-400 किलोमीटर की रेंज में शामिल शहरों में अंडा बिकने के लिए जाता है। अब उप्र और बिहार सहित अन्य राज्यों की तरफ भी रुख किया है। इन राज्यों में बॉक्स में डालकर अंडे भेजे जा रहे हैं। पहले 300-400 किलोमीटर के दायरे में यहां के अंडा विक्रेता कारोबार कर रहे थे, अब नई संभावनाएं बन रही है।
घरेलू मांग बढ़ी
अंडे में प्रोटीन होने के कारण घरेलू मांग बढ़ी है। रिटेल में अंडा पांच रुपये व उबाल कर 15 रुपये में दो बिक रहे हैं। लॉकडाउन से पहले भी अंडे के कारोबारी नुकसान झेल रहे थे। फीड के दामों में उछाल आने के कारण अंडे की लागत चार रुपये पड़ रही थी। औसतन 3.20 पैसे प्रति अंडे का भाव रहा। कुछ समय अंडे के भाव तेज रहे। 6 रुपये तक अंडा बिका। लॉकडाउन की शुरुआत में अंडे की मांग, आपूर्ति ठप पड़ गई। ट्रांसपोर्ट बंद होने, दुकानें, बाजार न खुलने, फार्मो में फीड न पहुंचने के कारण पोल्ट्री फार्म में ही मुर्गियां दबा दी गई। काफी मुर्गियां फीड न मिलने के कारण मारी गई।
फीड हुआ सस्ता
पिछले 10 से 15 दिनों में फीड के रेट में गिरावट दर्ज की गई है। 23 रुपये प्रतिकिलो वाला फीड 18 रुपये के स्तर पर बिक रहा है। अंडे की लागत 3.50 रुपये पड़ रही है। रिटेल में ग्राहक को पांच रुपये में मिल रहा है।
अंडे की बिक्री का गणित
फार्म से अंडे की एक ट्रे 144 रुपये की निकलती है। इसमें 30 अंडे होते हैं। थोक डीलर तीन रुपये कमीशन जोड़कर 147 में एक ट्रे बेचता है। सप्लायर थोक डीलर से लेकर 5 से 7 रुपये का मार्जिन जोड़ता है। 160 रुपये ट्रे में दुकानदार खरीदता है। 180 रुपये तक बेचता है। ग्राहक को 5 से 6 का अंडा मिलता है।
50 प्रतिशत उत्पादन कम
बजाज अंडा स्टोर के संचालक मोहित बजाज ने बताया कि 50 प्रतिशत अंडे का उत्पादन कम हो रहा है। गर्मियों में मांग सर्दियों की तुलना में कम होती है। रेहड़ियों, रेस्तरां, ढाबे, होटल में मांग नहीं है। अंडा कारोबारी पीके गर्ग ने बताया कि अब थोड़ा बहुत काम चला है। कुल मिलाकर पोल्ट्री फार्म नुकसान में चल रहे हैं। पिछले 10-15 दिनों में फीड के दाम में गिरावट आने से राहत मिली है।