हरियाणा में साइबर अपराध पर कसेगा शिकंजा, पुलिस कर्मियों को बनाया जा रहा एक्सपर्ट
हरियाणा में साइबर अपराध बढ़ रहा है। हरियाणा में साइबर अपराध को रोकने के लिए आईजी ममता सिंह ने प्लान तैयार किया गया है। अब हर थाने में एक्सपर्ट की तैनाती रहेगी। पुलिस कर्मियों को एक्सपर्ट बनाया जा रहा है।
करनाल, जागरण संवाददाता। डिजिटल के बढ़ते चलन के साथ लेन-देन से लेकर अनेकों सुविधाएं भी बढ़ी है, लेकिन इन्हीं तकनीक का फायदा अपराधिक लोग भी जमकर उठा रहे हैं। ऐसे में साइबर ठगी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर ठग लोगों को अनेकों प्रकार के प्रलोभन के साथ जाल में फंसाकर उनके बैंक खातों को साफ कर रहे हैं। ऐसे में ये साइबर अपराधि पुलिस के लिए भी चुनौती बन चुके हैं, लेकिन इनकी कमर तोड़ने के लिए पुलिस ने भी कमर कस ली है। जहां रेंज स्तर के बाद अब जिला स्तर पर साइबर थाने खोले जाने पर चर्चा की जा रही है वहीं हर थाने में साइबर एक्सपर्ट तैनात करने की भी तैयारी कर ली गई है।
करनाल रेंज में इस पर प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। इसके लिए मधुबन पुलिस अकादमी में विशेष तौर पर पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध को रोकने व आरोपितों तक पहुंचने को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है वहीं इस पूरे मिशन निगरानी खुद आइजी ममता सिंह कर रही है। उनका कहना है कि साइबर अपराध से निपटने के लिए हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है। विभाग के पास साइबर एक्सपर्ट की कमी थी, जिसका फायदा अपराधी उठा रहे थे। अब प्रशिक्षण के बाद इन अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
रेंज स्तर पर थाने में सुलझाए जा सके महज तीन मामले
रेंज स्तर पर पिछले वर्ष साइबर थाना खोला गया था, जिसमें आभी तक करीब 46 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें लाखों रुपये की ठगी की गई है। लेकिन इनमें से महज तीन मामले ही सुलझ पाए हैं। इसके पीछे एक्सपर्ट स्टाफ की कमी मानी जा रही है। वहीं पुलिस का मानना है कि प्रशिक्षण के बाद कर्मचारी यहां भी और अधिक सक्रियता से काम करेंगे और मामले जल्द सुलझाए जा सकेंगे।
साइबर अपराध रोकना प्राथमिकता : आइजी
आइजी ममता सिंह का कहना है कि साइबर अपराध रोकना उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए वे लगातार तीनों जिला के एसपी के साथ बैठक कर रणनीति बना रही है। कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी थानों में एक-एक कर्मी तैनात किए जाने के अलावा थानें में भी ऐसे कर्मी बढ़ाए जाएंगे।